इस लॉकडाउन के है दौरान ना ही केवल वायरस की बडौती हुई है बल्कि साइबर क्राइम जैसे अपराध भी चरम सिमा पर है। मार्च में 1,895 मामलों से, अप्रैल में यह आंकड़ा बढ़कर 3,367 हो गया,और 24 %से बढ़कर य अकड़े मई में 4184 हो गया था। बाद के महीनों में, यह आंकड़ा जून में 3,205 मामलों का था।जुलाई में 4,113 और अगस्त में 3,821 हो गया है।30 अगस्त, 2019 से 4 सितंबर, 2020 तक पोर्टल फ्रॉड पर कुल 28,988 शिकायतें आयी । ये मामले साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज किए गए थे।वही हरियाणा में 601 कैसिस आ रहे है ।
हम सभी अपनी जिन्दगी में हर तरफ टेक्नोलॉजी से घिरे है. हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में कंप्यूटर , मोबाइल और इन्टरनेट जैसी तकनीक का अहम् रोल है. लेकिन। आज के इस इन्टरनेट युग में हम कई बार जाने अनजाने ऐसे काम भी कर देते है जो की एक अपराध है। दरअसल इन अपराधों को Cyber Crime ( साइबर क्राइम ) कहा जाता है जो की असल अपराध जितने ही खतरनाक और दंडनीय होते है।
आज हमारा हर कार्य टेक्नोलॉजी के द्वारा ही किया जाता है। इसलिए सोशल मीडिया,ऑनलाइन ,इंटरनेट पर हमारी सिक्योरिटी बेहद जरुरी है। क्युकी कई लोग ऐसे होते है जो हमारी इस सिक्योरिटी को हमारी इज्जाजत के बिना तोड़ सकते है। और हमारी साडी जानकारी इललीगल तरीके से प्राप्त क्र सकते है। जिसे आम भाषा में साइबर क्राइम कहते है।
साइबर क्राइम को यदि आसान भाषा में समझे तो यह एक ऐसा अपराध है जिसमे किसी डिवाइस और इन्टरनेट के माध्यम से किसी व्यक्ति या संस्था को नुकसान पहुचाया जाता है. या यूँ कहे , किसी व्यक्ति या संस्था की निजी जानकारी के साथ छेड़ छाड़ की जाती है. जैसे , कोई व्यक्ति किसी अन्य का डाटा उसकी मर्जी के बिना डिलीट कर दे या फिर उसमे कुछ भी बदलाव कर दे यह कार्य साइबर क्राइम कहलायेगा।
यदि आप किसी व्यक्ति के नाम से उसकी fake ID बनाते है तो यह भी एक साइबर क्राइम है। किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट के साथ छेड़ छाड़ , Online किसी भी प्रकार की ठगी या फिर ऐसा कार्य जिस से दूसरे व्यक्ति को नुकसान और परेशानी का सामना करना पड़े।
डेटा के एक विस्तृत अध्ययन ने दिल्ली पुलिस को नक्शे का नेतृत्व किया जहा साइबर क्राइम जैसे अपराध सबसे ज्यादा पाए जाते है। जबकि मेवात से ओएलएक्स आधारित क्यूआर कोड धोखाधड़ी की उत्पत्ति हुई,KYC /UPI जैसे फ्रॉड झारखण्ड में होते है।4184 कम्प्लेन में से 884 कम्प्लेन डेबिट कार्ड से जुडी है ,और 590 वॉलेट पाय से जुडी है।
Phishing Method साइबर क्राइम में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है चूँकि इसमें व्यक्ति को आसानी से झांसे में लिया जा सकता है. इसमें Hacker वेबसाइट के Duplicate Homepage को तैयार करते है जिसके बाद व्यक्ति जैसे ही अपनी ID को Login करता है वह सभी डाटा Hacker के पास पहुँच जाता है.
यदि Hacker आपके Facebook Account को Hack करना चाहता है तो वह इसके लिए Facebook Home Page जैसा Duplicate Page तैयार करेगा जिसके Backend में उसने अपने Codes के जरिये आपको फ़साने की साजिश रच दी होती है और आप उसे Facebook का साधारण Page समझ कर उपयोग कर लेते है। Keylogging साइबर क्राइम में बेहद ही खतरनाक तकनीक है जिसमे Hacker आपकी keys को Software के माध्यम से जान लेता है की आप कौन से Button दबा रहे है जिसके बाद वह उसी से ID और Password या बाकी अन्य जरुरी जानकारी निकाल लेता है. इसके लिए सॉफ्टवेर को Remotely या फिर Locally आपके डिवाइस में Install किया जाता है। हम सभी ने Viruses का नाम बहुत सुना है हम यह भी जानते है की यह हमारे डिवाइस के लिए खतरनाक होते है लेकिन शायद ही आपको इस बात का अंदाजा हो की यह आपके डाटा को चुरा कर किसी अन्य व्यक्ति के पास पहुचाने का काम भी कर सकते है. दरअसल , हर Virus के पीछे उसके होने का अलग कारण छिपा होता है. यह सब उसकी कोडिंग पर निर्भर करता है। यह एक ऐसा रास्ता है जिसमे उपभोक्ता को लालच दिया जाता है की उसने 1 लाख की लाटरी जीती है , फोन जीता है , या कोई भी अन्य प्रकार का लालच जिस से व्यक्ति उस पेज पर जा कर लॉग इन करने लग जाता है और उसकी निजी जानकारी चुरा ली जाती है।
साइबर क्राइम लेख में अभी तक आप यह अच्छे से जान गये होंगे की साइबर क्राइम क्या है और यह किस प्रकार किया जाता है , हैकर्स किस प्रकार सामान्य लोगो को फ़साने के लिए जाल बिछाते है. ऐसे में अब आपके मन में सवाल उठाना लाजमी है की हम इन सब चीजों से कैसे बचे ?
आइये Cyber Crime में अब बात करते है कुछ ऐसे बिन्दुओं पर जो आपको Cyber Crime करने वालों से बचाने में सहायक है.
पब्लिक नेटवर्क पर अपने डिवाइस को कनेक्ट न करें. हम अक्सर फ्री WiFi के लालच में आकर कहीं भी अपने डिवाइस को कनेक्ट कर लेते है जो की बेहद नुकसानदेह है.
अपने डिवाइस में Anti Virus का जरुर प्रयोग करें और समय समय अपडेट करते रहे. ताकि Viruses and Warms प्रवेश न कर सकें.
कहीं भी अपने बैंक की Details डालते समय Virtual Keyboards का प्रयोग करें ताकि Keyloggers की चपेट में आने से बचाव हो।
Phishing pages से बचने का सबसे अच्छा तरीका है की अपनी ID लॉग इन करने से पहले उस वेबसाइट के लिंक को एक बार देख ले वह HTTPS है तो वह फिशिंग पेज नहीं हो सकता.
तो यह थी कुछ ऐसी बातें जिन्हें हम ध्यान में रख कर Cyber Crime करने वालों से बच सकते है।
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