हरियाणा से लुप्त हो रहा है रोजगार, कब जागेगी मेरी सरकार : मैं हूँ फरीदाबाद

नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद। मुझे लोग प्रबल औद्योगिक नगरी के रूप में भी जानते हैं। पर आपने एक कहावत सुनी होगी कि दूर के ढोल हमेशा सुहावने लगते हैं। यही हाल है मेरा भी स्मार्ट सिटी का तमगा तो पा लिया पर उसकी देख रेख करना मुश्किल हो रखा है।

अब किसे दोष दूँ ? जनता को ? अरे ये बिचारे तो खुद से परेशान हैं। इन्हे अपनी परेशानियां कैसे सुनाऊँ ? मेरी परेशानियों से भी बड़ी मुश्किलें हैं इनकी। कोई इन्हे सुनना ही नहीं चाहता। सरकार को इनकी फिक्र होती तो शायद इनकी परेशानियों का निवारण किया जाता। पर इन नेताओं की आँखों पर तो सत्ता की चमक चढ़ी हुई है जिसने इन सबको अन्धा कर दिया है।

हरियाणा से लुप्त हो रहा है रोजगार, कब जागेगी मेरी सरकार : मैं हूँ फरीदाबाद

इन्हे तो इस बात का भी इल्म नहीं की इनके राज्य में युवा नौकरी की तलाश में हैं। रोजगार के लुप्त होने की परेशानियां उन सभी को खाए जा रही है। मजदूरों के घरों पर चूल्हा जलना मुश्किल हो रखा है। दुकानदारों का व्यवसाय ठप पड़ा है।

कौन सुनेगा इन सबकी ? अरे मेरे सरकार जरा ये तो सोचते कि महामारी के इस दौर में जब महंगाई अपने चरम पर है तब तुम्हारे राज्य की आवाम क्या कमा कर खाएगी। दया नहीं आती इन सबकी उम्मीदों तोड़ते हुए। बड़े बेरहम हो तुम मेरे आका। अपनी मस्ती में तुम ये भूल गए कि इन्ही मासूम लोगों से झूठे वादे कर के तुम सत्ता पर स्थापित हुए हो।

अरे हाँ मैं तो भूल ही गया कि फिलहाल तो तुम्हे खुद भी मदद की जरूरत है। मैं जानता हूँ कि तुम उधार के दलदल में फंसे हुए हो। खुदकी करतूतों का भी तो सुधार करना है तुम्हे। पर इस बार तो हरियाणा सरकार में एक युवा नेता ने भी अपने पैर पसार रखे हैं।

चौटाला जी तो विलायत से पढ़कर आए हैं उनके पास भी इस समस्या का रामबाण नहीं है क्या ? बड़ी अजीब बात है युवाओं का नेता कहते हैं खुद को पर अभी तक युवाओं की मदद नहीं कर पाए। मैं जानता हूँ कि महामारी के इस दौर में सरकार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पर इसका यह मतलब नहीं कि क्षेत्र से विकास ही गुम हो जाएं।

यह जनता है इसी ने तुम्हे सत्ता पर काबिज किया है। इनकी मुश्किलों को समझो। यह सब रोजगार के लिए गुहार लगा रहे हैं इन सबको सुनना जरूरी है। इनकी परेशानियों का निवारण होगा तभी मैं फरीदाबाद खुदको पूरी शान के साथ स्मार्ट सिटी कह पाऊंगा।

वार्ना इस समय पर यह नाम खलता है मुझे। मेरे अपनों के लिए मेरी सरकार को सोचना होगा। नहीं तो वह दिन भी दूर नहीं जब मेरी गलियों में से क्रंदन सुनाई देगा। हर कुनबे पर एक आदमी अपनी उम्मीदों से टूटकर बिखरा हुआ मिलेगा। इस त्राहिमाम से बचाओ मुझे और मेरे अपनों को।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

ओम योग संस्थान ट्रस्ट ने हर्षोल्लास के साथ अपना अपना 26 वां वार्षिक उत्सव

ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…

4 weeks ago

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

1 month ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

1 month ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 month ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 months ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

3 months ago