दुनिया को इस्तीफा दे गए रघुवंश बाबू, जेपी आंदोलन से शुरू हुआ राजनीतिक सफर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह(रघुवंश बाबू) का आज दिल्ली एम्स में निधन हो गया है। जिसके बाद बिहार के सियासी हलके में शोक की लहर दौड़ गई है। वे 74 साल के थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की पहचान बिहार के कद्दावर नेता के तौर पर होती थी। बता दे तबीयत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत कई नेताओं ने शोक जताया है।

दुनिया को इस्तीफा दे गए रघुवंश बाबू, जेपी आंदोलन से शुरू हुआ राजनीतिक सफर

तो चलिए रघुवंश बाबू की राजनीतिक सफर के बारे में जान लेते है कि कैसी थी उनकी राजनीतिक दुनिया- रघुवंश प्रसाद सिंह राजनेता बाद में बने और प्रोफेसर पहले बने।

बिहार यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के बाद डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने साल 1969 से 1974 के बीच करीब 5 सालों तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में बच्चों को गणित पढ़ाया। वहीं इमरजेंसी के दौरान जब बिहार में जगन्नाथ मिश्र की सरकार थी, तो बिहार सरकार ने जेल में बंद रघुवंश प्रसाद सिंह को प्रोफेसर के पद से बर्खास्त कर दिया।

सरकार के इस फैसले के बाद रघुवंश बाबू ने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और फिर कर्पूरी ठाकुर और जयप्रकाश नारायण के रास्ते पर तेजी से चल पड़े। रघुवंश साल 1977 से 1979 तक वे बिहार सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे। इसके बाद उन्‍हें लोकदल का अध्‍यक्ष भी बनाया गया।

रघुवंश प्रसाद आरजेडी के उऩ चुनिंदा नेताओं में से थे, जिन्होंने पार्टी को बुलंदी पर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की। रघुवंश आरजेडी के उन गिने-चुने नेताओं में से एक रहे जिन पर कभी भी भ्रष्टाचार या गुंडागर्दी के आरोप नहीं लगे। लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कमी हो गई है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से रघुवंश बाबू का संबंध जेपी आंदोलन से रहा है और दोनों एक दूसरे के बेहद करीब भी रहे। जब 1990 में लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री बने तो रघुवंश प्रसाद सिंह को विधान पार्षद बनाया, जबकि वह विधानसभा चुनाव हार चुके थे।

रघुवंश प्रसाद ही वह चेहरा माने जाते हैं जो पार्टी के उम्रदराज कार्यकर्ताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने में अहम भूमिका अदा करते रहे है। रघुवंश बाबू को लालू प्रसाद यादव का संकटमोचक कहा जाता था। वह बिहार में पिछड़ों की पार्टी का तमगा हासिल करने वाले RJD का सबसे बड़ा सवर्ण चेहरा भी थे।

बिहार और समूचे देश भर में रघुवंश बाबू की पहचान एक प्रखर समाजवादी नेता के तौर पर थी। बेदाग और बेबाक अंदाज वाले रघुवंश बाबू को शुरू से ही पढ़ने और लोगों के बीच में रहने का शौक रहा था।

आपको बता दे कि हाल ही में उन्होंने राजद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने एम्स से ही अपना इस्तीफा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखा था। हालांकि लालू प्रसाद ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। और कहा था कि वो कहीं नहीं जा रहे, लेकिन किसको पता था कि राजद से इस्तीफा देने के बाद वो दुनिया को इस्तीफा दे गए।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

6 days ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

6 days ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 week ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

3 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago