सफलता के लिए पढ़ाई ज़रूरी नहीं ऐसा आपने सुना ही होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा सबूत भी दिखाने जा रहे हैं। यह कहानी है पाबीबेन लक्ष्मण राबड़ी की जो गुजरात के कच्छ जिले के अजनार तालुका गांव में रहती है। एक वक्त ऐसा था कि पापीपेन मेहनत मजदूरी करने को मजबूर थी। महज चौथी कक्षा तक पढ़ीं ‘पाबीबेन’ ने अपने हुनर के बल पर 20 लाख रुपए सालाना के टर्नओवर वाला व्यवसाय खड़ा कर दिया है।
जिनका जीवन गरीबि में बीत ता है ऐसा ज़रूरी नहीं कि उनकी ज़िदगी भी गरीबी में गुज़रे। ख़बरों के मुताबिक पाबीबेन का जीवन काफी संघर्षों में बीता। बचपन में उनके पिता का देहांत हो गया और सारी जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई।
किसी भी परिवार की गरीबी का मज़ाक कभी नहीं उड़ाना चाहिए और इसी हाल में उन्होंने परिवार का खर्च चलाने के लिए पाबीबेन ने महज एक रुपए में लोगों के घरों में पानी भरने का काम किया। इसी दौरान उन्होंने अपनी मां से अपनी कढ़ाई का काम सीखा और धीरे-धीरे पारंपरिक ‘हरी-जरी’ नाम की कढ़ाई करने में महारत हासिल की।
उनकी कहानी ने सभी को प्रेरित किया है, हर इंसान इनसे सीख ले सकता है। पाबीबेन ने कढ़ाई के दम पर कई गुजरात में चर्चा होने लगी, तो कुछ गुजरात की कई संस्थाएं पाबीबेन से कढ़ाई का काम करने लगी और बदले में उन्हें मजदूरी दे देती थी। लेकिन पाबिबेन को एक बात हमेशा परेशान करती थी कि एक कारीगर के तौर पर उन्हें उनकी कला की पहचान नहीं मिल रही थी।
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