कोरोना संक्रमण के बीच विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए सरकार स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है। शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों के नाम निर्देश जारी किए हैं कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र विद्यालय आ सकेंगे। इसके लिए उनके अभिभावकों की लिखित सहमति भी होगी
इस बारे में शिक्षा विभाग ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनमें भी वही विद्यार्थी स्कूल जा सकेंगे, जो नॉन कंटेनमेंट जोन में रहते हैं। स्कूल खोलने से पहले स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि शिक्षक सुनिश्चित करें कि साफ-सफाई से लेकर हर तरह की सावधानी बरती जा रही है।
विभाग के निर्देशानुसार, किसी भी तरह की लापरवाही आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत दंडनीय अपराध होगी। ऐसे में शिक्षकों को खास ध्यान रखना होगा। स्कूल के अंदर छात्र, अध्यापक और अन्य कर्मी पूरी तरह सतर्क रहेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) 21 सितंबर से प्रभावी ढंग से लागू होगी। ये राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में समान रूप से लागू होगी। विद्यार्थियों को इसकी सूचना पहले ही दी जा रही है।
अध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यार्थियों को अलग-अलग समय दें, ताकि किसी तरह से शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन न हो। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं।
इसी क्रम में शिक्षकों को आरोग्य सेतु मोबाइल एप इंस्टॉल करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी अपने जिले के उपायुक्त एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से सभी शिक्षकों के कोरोना टेस्ट के लिए समुचित व्यवस्था करेंगे।
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