अगर हमारे माननीय सांसद करेंगे ऐसा तो देश होगा कैसा। ये एक सवाल हमने किया है और अगर पूरी बात सुनेंगे और पढ़ेंगे तो आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे और यही कहेंगे कि अगर हमारे माननीय सांसद करेंगे ऐसा तो देश होगा कैसा। बात तो वैसे है सोचने वाली क्योंकि जिन लोगों पर हम पूरे देश की ज़िम्मेदारी सौंपने से पहले बिलकुल भी नहीं सोचते हैं। लेकिन ये लोग हैं कि अपनी गरिमा तक को भूल जाते हैं और ये तक भूल जाते हैं कि जिस जनता की वजह से ये यहां देश के मंदिर में पहुंचे हैं उसका और जनता दोनों का अपमान कर रहे हैं। जो मान्य नहीं होता है।
खैर पूरी बात सुनिए आप और आप भी आंकलन कीजिए। बतादें कि संसद में फोन पर पॉर्न देख रहे थे माननीय सांसद जी और पकड़े गए फिर बनाया ये अजीबोगरीब बहाना। जनता अपने प्रतनिधिनियों को चुनकर संसद में भेजती है ताकी वह उनकी आवाज को सबसे शक्तिशाली मंच तक पहुंचाएंगे, लेकिन कई बार कुछ सांसद ऐसा कुछ कर जाते हैं जिससे उन्हें बाद में शर्मिंदा होना पड़ता है। थाइलैंड की संसद में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। यहां एक एक सांसद, संसद में बैठकर मोबाइल पर नंगी तस्वीरें देखते हुए कैमरे में कैद हो गए।
बाद में इसको लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने इसे स्वीकार तो किया लेकिन काफी अजीबोगरीब बहाना भी बनाया। बतादें कि गुरुवार को थाईलैंड की संसद में बजट पर चर्चा होनी थी। सभी सांसद बजट को लिए दस्तावेजों को देखने में जुटे थे। इसी दौरान सांसद रोन्नाथेप अनुवत फोन पर कुछ और ही करने में व्यस्त थे। प्रेस गैलरी में बैठे पत्रकारों ने उनकी तस्वीरें लीं और जूम करके देखा तो पता चला कि वह महिलाओं की नंगी तस्वीरें देख रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने अपने चेहरे से मास्क भी हटा लिया था। वह तीन तस्वीरों को काफी देर तक निहारते रहते हैं, जिनमें एक तस्वीर में महिला टॉपेलस है तो दूसरी तस्वीर में न्यूड होकर बेड पर लेटी है। सत्ताधारी पालांग प्रछाराथ पार्टी के चोनबुरी प्रांत के सांसद से बाद में जब पत्रकारों ने सवाल किया तो वह शर्मिंदा हो गए। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वह मोबाइल में न्यूड तस्वीरें देख रहे थे। लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें किसी ने पैसे और मदद की मांग करते हुए यह तस्वीरें भेजी थीं।
सांसद ने कहा कि वह तस्वीरों में बैकग्राउंड को ध्यान से देखकर यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि कहीं लड़की कि कहीं लड़की किसी खतरे में तो नहीं है। वह लड़की के आसपास की चीजें देख रहे थे। बतादें कि भारत में भी ऐसी ही शर्मनाक घटना घट चुकी है। 2012 में कर्नाटक विधानसभा में दो कैबिनेट मंत्री स्मार्टफोन पर अश्लील फिल्में देखते हुए कैमरे में कैद हुए थे। इसके अलावा 2015 में ओडिशा विधानसभा में भी एक विधायक इस तरह की हरकत में शामिल पाए गए थे।
अब मन में सवाल आता है कि जो बुद्धिजीवी इस तरह की बात-विचारों में सम्मिलित होते हैं उनसे आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं। अब ऐसा सुनने- समझने में भी शर्म सी आती है। क्योंकि किसी माननीय से आप क्या आशा कर सकते हैं। आप यही सोचते हैं कि जो काम आपका था, वोट देने का वो आपने कर दिया लेकिन जो काम अब ऐसे ज़िम्मेदारों को करना चाहिए लेकिन वो अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करने की जगह कर कुछ और ही रहे होते हैं, तो ऐसे में चिंता भी होना लाज़िमी हो जाता है।
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