CWC सदस्य और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने नए कृषि कानूनों पर बीजेपी-जेजेपी सरकार के दावों की पोल खोल दी है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने 15 सवालों की फेहरिस्त जारी करके खट्टर-दुष्यंत सरकार से जवाब मांगा है।
सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि तीन नए कानून लागू होने से हरियाणा के किसानों को बहुत फायदा होने वाला है। अब यहां के किसान दूसरे राज्यों में अपनी फसल बेच कर मुनाफा कमाएंगे। साथ ही सरकार दावा कर रही है कि प्राइवेट एजेंसी अब किसानों को MSP से भी ज्यादा रेट देंगी। दीपेंद्र ने पूछा कि अगर ऐसा है तो सरकार बताए-
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र ने 15 सवालों की सूची जारी करते हुए BJP-JJP सरकार से जवाब मांगा है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि सरकार आरोप लगाती है कि किसान इन क़ानूनों को सही से समझ नहीं पाए और कांग्रेस उन्हें बरगला रहा है तो क्या अकाली दल भी इन्हें नहीं समझ पाया? क्या उसे भी कांग्रेस बरगला रही है?
उनका कहना है कि अगर सरकार के पास इन सवालों का जवाब नहीं है तो किसानों को बरगलाना, किसान आंदोलन को बदनाम करना और उसे कुचलने की साजिश करना छोड़ दे। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस खुले तौर पर किसानों के साथ खड़े लेकिन किसानों की राजनीति करने का दावा करने वाली जेजेपी कुर्सी के लालच में किसानों के विरोध में खड़ी है।
जेजेपी संस्थापकों की तरफ से नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लगाए गए सरकार को पलटने के हिडन एजेंटा वाले आरोपों का भी दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारा कोई हिडन एजेंडा नहीं नहीं। किसानों का भला करना और उनके संघर्ष में साथ देना ही हमारा ओपन एजेंडा है।
हम जेजेपी की तरह बीजेपी की सरकार बनाने का हिडन एजेंडा लेकर जनता के बीच में नहीं जाते। पूरा हरियाणा जानता है कि जेजेपी विधानसभा चुनाव से पहले ही हरियाणा में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने के अपने हिडन एजेंडा में लग गई थी। इसलिए जेजेपी नेताओं ने बीजेपी विरोधी वोटों को बांटने के लिए पहले तो खट्टर सरकार के विरोध का ड्रामा किया और बाद में उसी सरकार की गोदी में जाकर बैठ गए।
इसके विपरीत हम खुले तौर पर किसानहित और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सिद्धांतों पर राजनीति करते हैं। पूरा हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरा देश जानता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा शासनकाल में किसानों के हित में जो काम हुए, वो उससे पहले या उसके बाद कभी नहीं हुए। हुड्डा राज में धान, गेहूं, गन्ना समेत ज़्यादातर फसलों के दाम 2 से 3 गुणा बढ़ाए गए।
किसानों को वक़्त पर पूरी पेमेंट की गई। उनको मुफ्त बिजली दी, सिंचाई के लिए ज्यादा पानी दिया, उनके कर्ज माफ किए गए, बिजली बिल माफ किए गए और विकास योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण पर देश में सबसे ज्यादा रेट दिया गया। यही वजह है कि हुड्डा राज में कभी किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ा। उनके शासन में कभी किसानों पर लाठी या गोली नहीं चलाई गई।
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