आपने ऐसा बहुत सी बार महसूस किया होगा कि अगर आपकी कोहनी पर आपको लगती है तो करंट सा महसूस होता होगा। दरअसल, मनुष्य कई बार ठोकर खाता है, अक्सर किसी ना किसी चीज से टकरा जाता है। हमारे शरीर का कोई भी हिस्सा यदि किसी से टकरा जाए तो उस हिस्से में एक दर्द होता है, चोट का एहसास होता है परंतु यदि हाथ की कोहनी का एक विशेष भाग किसी भी चीज से टकरा जाए तो करंट का एहसास होता है।
सिर्फ दांतों में ही नहीं बल्कि शरीर में भी झनझनाहट महसूस होती है। एक अजीब सी अनुभूति होती है। सवाल यह है कि ऐसा क्यों होता है, जबकि कोहनी भी तो शरीर का ही एक हिस्सा है। पहचान फरीदाबाद आज आपको बताएगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है।
हर किसी के पास इस बात को लेकर अलग – अलग तर्क हैं लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि कोहनी की जिस हड्डी के कहीं टकराते ही हमें तेज करंट लगता है या हंसी सी आती है, उसे सामान्य बोलचाल में फनी बोन कहा जाता है। चिकित्सा विज्ञान की भाषा में बात करें तो फनी बोन असल में अल्नर नर्व होती है। यह नर्व हमारी गर्दन , कंधे और हाथों से होते हुए जाती है और कलाई के पास से बंटकर अनामिका और छोटी उंगली पर खत्म होती है।
पहचान फरीदाबाद अपने पाठकों के लिए नई – नई जानकारियां लेकर आता है और आपको बता दें कि शरीर के संपूर्ण तंत्रिका तंत्र की तरह अल्नर नर्व का भी ज्यादातर हिस्सा हड्डियों, मज्जा और जोड़ों के बीच सुरक्षित होता है लेकिन कुहनी से गुजरने वाला हिस्सा केवल त्वचा और फैट से ढका होता है। ऐसे में जैसे ही कुहनी कहीं से टकराती है तो सीधे इस नर्व पर झटका लगता है।
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