आपने अनेकों दिवस के बारे में सुना होगा, पढ़ा होगा लेकिन आज पहचान फरीदाबाद आपको जो बताने जा रहा है वह है 21 सितंबर को विश्वभर में मनाये जाने वाला अल्जाइमर दिवस। ये दिन अल्जाइमर नाम की बीमारी के नाम पर मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके बारे में जागरुक किया जा सके। इस बीमारी में रोगी चीजों को भूल जाता है। जैसे कहीं पर कुछ रखकर भूल जाना, कुछ ही देर पहले की बात को भूल जाना आदि।
हम अक्सर ऐसा करते हैं कि बहुत सी चीज़ों को नज़रअंदाज़ करना शुरू कर देते हैं लेकिन लोग इस बीमारी को सामान्य समझकर ध्यान नहीं देते हैं। ये बीमारी एक उम्र के बाद लोगों में होने लगती है, जिसमें लोग चीजों को याद नहीं रख पाते हैं।
आपने देखा होगा और सुना होगा कि बुजुर्ग लोग इस तरह की आदतों से पीड़ित होते हैं। इस बीमारी के ज्यादा शिकार बुज़ुर्ग होते हैं, लेकिन आज के समय में युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। कुछ सालों में इस बीमारी के मरीजों में बढ़ोतरी देखी गई है।
पहचान फरीदाबाद अपने पाठकों के लिए नई – नई जानकारियां लेकर आता है और आज आपको हम बताएंगे कि क्यों होती है यह बीमारी, क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय भी आज बताने की कोशिश करेंगें। वृद्धावस्था में मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचने के कारण ये बीमारी होती है। मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
कोरोना महामारी के कारण हम लोग पहले ही त्रस्त हो कर घूम रहे हैं। जिस बीमारी के का आज हम ज़िक्र कर रहे हैं यह एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। इस बीमारी में व्यक्ति छोटी से छोटी बात को भी याद नहीं रख पाता है। जब यह बीमारी अत्यधिक बढ़ जाती है तो व्यक्ति को लोगों के चेहरे तक याद नहीं रहते हैं। अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं मिला है।
फरीदाबाद की बात करें तो यहाँ हर महीने 100 मरीज़ शहर के अस्पतालों में पहुंच रहे हैं इलाज के लिए। इस बीमारी के जो लक्षण हैं उनमें रात में नींद न आना, रखी हुई चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना, आंखों की रोशनी कम होने लगना, छोटे-छोटे कामों में भी परेशानी होना, अपने परिवार के सदस्यों को न पहचान पाना, कुछ भी याद करने, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ना, डिप्रेशन में रहना, डर जाना।
आपको बता दें और यह हमारा धर्म भी है कि आपको सभी जानकारियां दें, इस बीमारी का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है, लेकिन अपनी जीवनशैली में बदलाव करके कुछ हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर लोग ध्यान नहीं देते हैं, जिससे ये बीमारी बढ़ती जाती है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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