जानिये क्यों अरावली में अवैध निर्माण, ज़िंदगी और मौत का खेल बनता जा रहा है

अरावली पर्वत श्रृखंला के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वतों में एक है। फरीदाबाद में भी अरावली का अच्छा हिस्सा है लेकिन लगातार बढ़ता प्रदूषण और बिगड़ता पर्यावरण का संतुलन धरती के सुरक्षा कवच को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे सूरज से निकलने वाली हानिकारक किरणें सीधे हम तक पहुंच रही हैं, जिसके चलते कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ ही रहा है, वनस्पतियों और अनाज के उत्पादन भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

हम सभी पानी के बारे में सुनते रहते हैं कि कुछ सालों के बाद यह विलुप्त हो जाएगा लेकिन आपको बता दें खासकर जब अरावली पर्वत शृंखला को हो रहे नुकसान का असर फरीदाबाद पहले ही झेल रहा है और तो पर्यावरण को सहेजने की जरूरत और बढ़ जाती है। ताकि, प्रदूषण पर लगाम लगाने के साथ ही हम अरावली संरक्षित करने में अपना योगदान दे सकें।

जानिये क्यों अरावली में अवैध निर्माण, ज़िंदगी और मौत का खेल बनता जा रहा हैजानिये क्यों अरावली में अवैध निर्माण, ज़िंदगी और मौत का खेल बनता जा रहा है

अरावली में जिस प्रकार लगातार अवैध निर्माण हो रहा है उसको देख कर यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ दिनों में पहाड़ी खत्म हो जाएगी। फरीदाबाद एक औद्योगिक शहर है। यहां पर सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। एक ओर इन फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण भी बढ़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है। अरावली से हरियाली का दायरा सिकुड़ता जा रहा है।

हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अरावली को लेकर चिंतित है लेकिन इस से लोगों को फरक नहीं पड़ता है। हमें क्लोरोफ्लोरो कार्बन के उत्सर्जन को कम करना होगा। सीएफसी का इस्तेमाल एसी, फ्रिज, कंप्यूटर, फोन में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड्स को साफ करने, गद्दों के कुशन, फोम बनाने व पैकिंग सामग्री में होता है।

अवैध निर्माण और अवैध खनन से अरावली खोखली होती जा रही है। यदि हम दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की बात करें तो इस पहाड़ी का सबसे ऊंचा हिस्सा नारनौल के पास ढौसी का पहाड़ है जिसकी ऊंचाई 3840 फीट है। अरावली पर्वत का दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, दादरी एवं भिवानी जिलों में फैलाव है। नारनौल के पास ग्रेनाइट के पहाड़ पर ही तो च्यवन ऋषि ने च्यवनप्राश का निर्माण स्थानीय उपलब्ध जड़ी बुटियों से किया था।

अगर हम सतर्क नहीं हुए, जागरूक नहीं हुए तो अरावली बहुत ही जल्द नष्ट हो जाएगी। इस कटु सत्य को स्वीकार करना ही होगा यदि अरावली की रक्षा नहीं की गई तो दिल्ली-एनसीआर नहीं बचेगा। यह क्षेत्र सभ्यता के विकास की धरोहर है।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh
Tags: aravali

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

3 weeks ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

3 weeks ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

3 weeks ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

3 weeks ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

4 weeks ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

4 weeks ago