फरीदाबाद में लगभग 250 ऐसे डॉक्टर और नर्स हैं जो महीनों से अपने घर तक नहीं गए।

कोरोना महामारी के कारण बने संकट की घड़ी में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, नर्सेज व पैरामेडिकल स्टाफ एक योद्धा की तरह काम कर रहे हैं। जिले में जब से कोरोना के मरीज मिले हैं तभी से डॉक्टरों पूरे सेवा भाव के साथ मरीजों के लिए काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के करीब 250 डॉक्टर व अन्य स्टाफ 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे है। फरीदाबाद में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ पिछले 2 महीने से भी ज्यादा समय से अपने घर परिवारों से दूर होटलों में रहकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इन सब में सेवा भाव इस कदर है कि कई डॉक्टर व अन्य स्टाफ को अनेक पारिवारिक समस्या होते हुए भी घर परिवार से दूर रहकर निरंतर काम कर रहे हैं। इन सबका एक ही टारगेट है कि मिलकर कोरोना को हराना है। इनका यही जज्बा इन्हें सबसे अलग दिखाता है। यह कोरोना योद्धा करीब 1 महीने से अपने घर परिवार से दूर रह रहे हैं और महामारी के इस दौर में निरंतर लोगों की सेवा को तत्पर हैं।

सिविल सर्जन कृष्ण कुमार ने बताया की कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई महिला डॉक्टर नर्सेस अपने छोटे-छोटे बच्चों से दूर हैं। फरीदाबाद में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ लगभग 250 ऐसे डॉक्टर और नर्स हैं जो महीनों से अपने घर तक नहीं देख पाए हैं, लेकिन फिर भी सभी मिलकर कह रहे हैं कि कोरोना को हराना है। सभी के मन में कहीं ना कहीं अपने बच्चों परिवार से दूर रहने का दर्द जरूर है। लेकिन वह इस दर्द को भुलाकर जनता की सेवा के लिए 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं।

राजस्थान के रहने वाले 29 वर्षीय नर्सिंग स्टाफ के दीपक कुमार बताते हैं कि वह 2 महीने से घर नहीं गए हैं। उनकी तैनाती ईएसआई के कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में है। कोविड-19 के चलते मानसिक प्रेशर बहुत ज्यादा है, क्योंकि उनकी वाइफ का 2 महीने का बच्चा मिसकैरेज हो चुका है। उन्होंने कहा कि उनके भाई भी मेडिकल स्टाफ में नौकरी करते हैं और पिता गांव में कोविड-19 के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। दीपक ने बताया जब उनका बच्चा मिसकैरेज हुआ तो उनकी पत्नी ने उनको आने के लिए कहा, लेकिन वह तब भी अपनी पत्नी के पास नहीं जा पाए, क्योंकि उनको पता है कि वह खुद कोरोनावायरस के मरीजों के बीच रहकर उनका इलाज कर रहे हैं। ऐसे में वह अपने परिवार को खतरे में नहीं डाल सकते। उन्होंने बताया कि उन्होंने फोन पर ही अपनी पत्नी को ढांढस बंधाया और अपने कर्तव्य व फर्ज के बारे में बताया।

इसी तरह अलीगढ़ के रहने वाले दामोदर और उसकी पत्नी दोनों ही नर्सिंग स्टाफ फरीदाबाद के एएसआई में कोविड-19 के लिए ड्यूटी दे रहे हैं ।दामोदर का 3 साल का बेटा और 5 साल की बेटी है, जो अपने मामा के पास रह रहे हैं। दामोदर ने बताया कि वह पिछले 1 महीने से यहां पर हैं और बच्चों से केवल वीडियो कॉल या फोन के माध्यम से ही बात करते हैं ।उन्होंने अपने बच्चों को उनके मामा के पास छोड़ा हुआ है। बच्चे घर आने की जिद फोन पर करते हैं, घर जाने का मन उनका भी बहुत है, लेकिन कोविड-19 में लोगों की सेवा करना उनका सबसे पहला धर्म है।

कोविड-19 में राजस्थान के रहने वाले आशीष 2 महीने से होटल में रहकर ड्यूटी कर रहे हैं। आशीष की पत्नी भी जयपुर के अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हैं ।आशीष की 11 महीने की बच्ची है जो उन्होंने उसकी नानी के पास छोड़ी हुई है। उसने बताया कि पति और पत्नी में से कोई भी बच्ची के पास नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि बच्ची का चेहरा केवल वीडियो कॉल के माध्यम से ही देख पाते हैं। बच्चे का चेहरा देखने के बाद उनका भी घर जाने का मन करता है, लेकिन वह इन इमोशंस से लड़कर अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं।
घर से दूर रहकर ड्यूटी करने वालों में एक तरफ जहां मेल डॉक्टर्स हैं, वही महिला स्वास्थ्य कर्मचारी भी इसमें पीछे नहीं हैं। फरीदाबाद के ही बल्लभगढ़ की रहने वाली ज्योति घर के इतने नजदीक होने के बाद भी एक महीने से घर नहीं गई है। ज्योति के दो बच्चे हैं जिनमें से एक की उम्र 10 साल और दूसरे की 6 साल है। ज्योति बताती है कि जब भी वह घर पर फोन करते हैं और बच्चों से बात करते हैं तो बच्चे घर आने की जिद करते हैं। लेकिन उनकी माता उन्हें करुणामयी हृदय के साथ लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती हैं और कोविड-19 में ड्यूटी देकर वह आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का इलाज करती हैं। वह कहती है कि यह अवसर उनके लिए गर्व की बात है।

इस कड़ी में डॉक्टर बृजेश प्रसाद जोकि ईएसआई में ऑर्थो सर्जन है, बताते हैं कि वे पिछले 38 दिनों से परिवार से नहीं मिले हैं। अब तो मन में एक ही बात है कि पूरी शिद्दत के साथ कोरोना से लड़ाई जितनी है। उन्होंने बताया कि सरकार व प्रशासन का उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। प्रशासन के साथ-साथ पर्यटन विभाग के अधिकारी उनका पूरा ध्यान रखते हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उन्हें किसी चीज की दिक्कत नहीं होने देते हैं। पर्यटन विभाग में उनके रहने व खाने का अच्छा इंतजाम किया हुआ है तथा रोजाना उनकी रहने की जगह व खाने की जगह पर सैनिटाइज करवाया जाता है।

उपायुक्त यशपाल कहते हैं की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर, नर्सेज व पैरामेडिकल स्टाफ की बहुत बड़ी भूमिका है। हमारे जिले के डॉक्टर अपने कर्तव्य का पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ निर्वहन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम ने कोरोना से बचाव के लिए बहुत बेहतरीन कार्य किया है, जिसका परिणाम है कि 29 मरीज अब तक ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन हर प्रकार से उनकी मदद को तत्पर है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को हम सब ने मिलकर लड़ना है।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी, लगेगी सरकारी नौकरी?

हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए निकलेंगे विभिन्न पदों पर भर्ती बता दें प्रदेश में खेल…

7 hours ago

हरियाणा के मुख्यमंत्री का महिलाओं को लेकर बड़ा ऐलान, होगा ये बड़ा बदलाव

हरियाणा में महिलाओं को लेकर के मुख्यमंत्री नायक सैनी ने एक बहुत ही अहम घोषणा…

7 hours ago

हरियाणा सरकार देगी इन खिलाड़ियों को 51 हजार रूपये की सम्मान राशि

हरियाणा के खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार 51 हज़ार रूपये की सम्मान राशि देने जा रही…

8 hours ago

फरीदाबाद में बीके अस्पताल की फॉल सीलिंग गिरी युवक के सिर, फिर जो हुआ….

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में कई दीवारें जर्जर स्थिति में है जिसे मरम्मत करना बेहद…

8 hours ago

मूसलाधार बरसात ने डूबा दिया फरीदाबाद, बंद हो गए ये रास्ते

फरीदाबाद में लगातार कुछ दिनों से हुई तेज बारिश ने पूरे जिले को मानो थाम…

8 hours ago

फरीदाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवैध पार्किंग को लेकर होगी कार्यवाही?

फरीदाबाद में कई जगह पर नगर निगम द्वारा अतिक्रमण पर पीला पंजा चला करके वहां…

11 hours ago