वहीं अगर निजी अस्पतालों की बात करें तो ज्यादातर में कोविड के लिए आरक्षित किए गए सभी बेड फुल हो चुके हैं। आईसीयू के बेड भी खाली नहीं हैं। उधर, जिले के कोविड अस्पताल ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में कहने को 510 बेड कोविड मरीजों के लिए हैं, मगर यहां भी आधे से ज्यादा बेड फुल हो चुके हैं। ऐसे में ज्यादातर मरीजों को होम आइसोलेशन में ही भेजा जा रहा है।
सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में बुधवार को सक्रिय मरीजों की संख्या 1590 है, जबकि उपचार के लिए आरक्षित बेड की संख्या सरकारी और निजी स्तर पर मिलाकर महज 1787 है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिहाज से अस्पताल इलाज योग्य माने जाने वाले मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है।
अस्पताल का नाम कोविड के लिए कुल आरक्षित बेड भरे बेड खाली बेड
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज 510 320 190
एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल 25 25 00
एशियन अस्पताल 97 87 10
मेट्रो अस्प्ताल 40 30 10
सर्वोदय अस्पताल 90 90 00
क्यूआरजी अस्पताल 102 102 00
होम आइसोलेशन पर भेजे जा रहे ज्यादातर संक्रमित
जिले में मिलने वाले कुल कोरोना संक्रमितों में से 20 फीसदी ही अस्पताल में इलाज ले रहे हैं। अन्य होम आइसोलेशन में हैं। उपचाराधीन मरीजों की एवज में भी जिले की स्वास्थ्य सेवा इंतजाम नाकाफी हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1787 बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। गंभीर रूप से संक्रमितों के लिए 202 इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) के बेड आरक्षित हैं। इसमें से फिलहाल 69 रिक्त हैं। अन्य पर गंभीर मरीज उपचाराधीन हैं। वेंटिलेटर सुविधा युक्त 110 बेड आरक्षित हैं। इसमें से 85 फिलहाल रिक्त हैं।
सेक्टर -16 स्थित, क्यूआरजी हेल्थ सिटी अस्पताल के वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज छाबड़ा बताते है कि अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 80 बेड रिजर्व हैं। इसके अलावा 24 बेड आईसीयू में हैं। लगभग सभी बेड फुल हैं। इसमें कुछ जिले तो कुछ बाहरी जिलों के भी मरीज भर्ती हैं। मरीजों के स्वस्थ होने के अनुसार बेड खाली होते रहते हैं। कोरोना से बचाव के लिए अस्पताल कोविड जोन अलग बनाया हुआ है।
सेक्टर-8 स्थित सर्वोदय अस्पताल के मेडिकल प्रशासक डॉ . सौरभ गहलौत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के नियमों के तहत ही अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 90 बेड आरक्षित किए गए हैं। इनमें 15 बेड आईसीयू के भी शामिल हैं। मौजूदा समय में सभी 90 बेड फुल हैं। अस्पताल में कोविड के लिए अलग ग्रीन जोन बनाया हुआ है। कोविड मरीजों के आने और जाने का रास्ता बिल्कुल अलग है। कोविड मरीजों के इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाली पीपीई किट को उचित तरीके से नष्ट किया जाता है।
रणदीप पुनिया (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामलों में से बेहद कम ही अस्पताल इलाज योग्य हैं। गैर लक्षण वाले मरीज सावधानी बरतने पर घर पर ही स्वस्थ हो सकते हैं। ऐसे मरीजों को विभाग होम आइसोलेशन में ही सर्विलांस पर रखता है। परेशानी होने पर हर मरीज की इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ. रामभगत (जिला कोविड नोडल अधिकारी) बताते है कि जिले में कोरोना को लेकर भयावह स्थिति है। रोजाना 200 नए मरीज आते हैं तो उनमें से 30 से 40 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। हालांकि अच्छी बात यह है कि ठीक होने वाले संक्रमितों की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है।
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