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पेड़-पौधों की पूजा क्यों करनी चाहिए, जानिए इसपर क्या कहते हैं शास्त्र

हमें पेड़-पौधों की पूजा क्यों करनी चाहिए, इसपर क्या कहते हैं शास्त्र, यही हम आपको बताएंगे। तो आप थोड़ा सा ध्यान लगाकर इस लेख को ज़रूर पढ़िए, क्योंकि ये लेख आपको लिए ज़रूर सार्थक सिद्ध होगा। जब हम व्रत रखते हैं तो कई ऐसे व्रत होते हैं जिनमें पेड़-पौधों को पूजा जाता है। जैसे पीपल का पेड़, जैसे तुलसी का पौधा, इन सबकी भी पूजा की जाती है।

वैसे हम सभी जानते हैं कि हमारी प्रकृति के लिए पेड़-पौधे कितना ज्यादा मायने रखते हैं, वहीं आपको बता दें कि बिना इनके मानव जीवन की कल्पना अधूरी है। जल, वायु और वृक्ष आदि हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं। इनके संरक्षण समृद्धि पर हर एक व्यक्ति को ध्यान देना चाहिए। जीवन की समृद्धि खुशहाली के लिए वृक्ष और हरियाली बहुत महत्वपूर्ण है। वायु, जल और वृक्ष जीवन की महत्ती आवश्यकता है। बतादें कि सभी तरह के वृक्षों में पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है, जिसमें कभी कोई कीड़े नहीं लगते और 24 घंटे ऑक्सीजन भी देता है।

पेड़-पौधों की पूजा क्यों करनी चाहिए, जानिए इसपर क्या कहते हैं शास्त्रपेड़-पौधों की पूजा क्यों करनी चाहिए, जानिए इसपर क्या कहते हैं शास्त्र

यही कारण है कि हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ काटा जाना वर्जित माना गया है। पीपल के वृक्ष में अनेक देवी-देवताओं का वास माना गया है, इसीलिए ये देव वृक्षों की श्रेणी में आता है। वटवृक्ष (बरगद) भी पूज्य है। वटवृक्ष के नीचे ही भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी इसीलिए इसे बोधिवृक्ष भी कहते हैं। अशोक वृक्ष के बारे में कहा गया है कि शोक निवारे सो अशोक। इस वृक्ष का महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि माता सीता ने अपने सबसे कष्टमय व दुखद पल स्वर्ण नगरी में अशोक वाटिका को ही अपना आश्रय स्थल बनाया था और अशोक वृक्ष के नीचे ही रहकर उन्होंने अपना संपूर्ण समय बिताया था।

नीम वृक्ष बहुत ही उपयोगी है। इसकी पत्तियां कड़वी ज़रूर होती हैं लेकिन कई तरह से चिकित्सा में बहुत उपयोगी होती है क्योंकि इसकी पत्तियों में रोगाणुओं को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता होती है। इस वृक्ष को शीतला माता व मां दुर्गा का वृक्ष माना गया है। बिल्व वृक्ष से सभी परिचित हैं। बिल्व पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बिल्व पत्र चढ़ाए जाते हैं। आम का पेड़ सभी को अत्यंत प्रिय है। फलों का राजा आम को कहा जाता है।

मांगलिक कार्यों में, कलश स्थापन में, वंदनवार बनाने में आम्रपत्तियों का उपयोग होता है। आम की लकड़ी का प्रयोग भी हवन आदि में होता हैं।

कुल मिलाकर हमारे जीवन में पैड़-पौधों का महत्व ठीक उतना ही है जितना हमारे शरीर में स्वांस का। जी हां जैसे हमारे शरीर से अगल स्वांस निकल जाए तो वो शव का रूप लेलेता है ठीक उसी तरह से जब पेड़-पौधे नहीं होंगे तो हमें ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और अगर ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो हमें स्वांस लेने में कठिनाई होगी और अगर ऐसा हुआ तो हमें अस्पताल में भर्ती होना होगा, जहां पर हमें ऑक्सीजन तो मिलेगी लेकिन भारी कीमत में जिसे चुकाना कुछ लोगों के बस में भी नहीं होता है। दरअसल जो ऑक्सीजन हमें पेड़-पौधों से बिल्कुल मुफ्त मिलती है भला उनकी पूजा क्यों ना की जाए।

Avinash Kumar Singh

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Avinash Kumar Singh
Tags: tree

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