Categories: Uncategorized

भाजपा ने बरोदा विधानसभा में कभी नहीं लहराया परचम इस उम्मीदवार पर खेलेंगी दांव

भाजपा बरोदा विधानसभा पर कभी नहीं लहरा पाई अपना परचम इस उम्मीदवार पर खेलेंगी दांव .हरियाणा राज्य के निर्माण के बाद हुए पहले चुनाव में गठित बरोदा विधानसभा 1976 से अब तक 2019 तक भाजपा अपने पैर नहीं जमा पाई है अक्तूबर 2019 में विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को जीत नहीं मिली है आखिरकार भाजपा ने जेजेपी का हाथ थामा और गठ बंधन की सरकार बनाई। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने और दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने.

हरियाणा बनने के बाद जाट बाहुल बरोदा विधानसभा क्षेत्र में कभी उपचुनाव नहीं हुआ। विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन हो जाने के बाद पहली बार बरोदा हलका के मतदाता उपचुनाव का सामना करेंगे। चुनाव कब होगा,

भाजपा बरोदा विधानसभा पर कभी नहीं लहरा पाई अपना परचम इस उम्मीदवार पर खेलेंगी दांव

इसका कार्यक्रम भविष्य में चुनाव आयोग द्वारा ही जारी किया जाएगा। इस क्षेत्र भूपेंद्र हुड्डा के प्रभाव वाला हलका है। इसलिए श्रीकृष्ण हुड्डा हल्के से लगातार 3 बार विधायक बनें। उनके निधन के बाद बरोदा हलके पर उपचुनाव होना तय है।

बरोदा विधानसभा का अजीब इतिहास

हरियाणा के सोनीपत के बरोदा विधानसभा का इतिहास अनोखा हैं 1967 से लेकर 2019 तक अभी तक इस सीट पर बीजेपी एक बार भी जीत हासिल नहीं कर पाई हैं. केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार हैं. अप्रेल 2020 में कांग्रेस के विधायक श्री कृष्ण हुड्डा का निधन हो गया. वह बरोदा से तीन बार लगातार विधायक चुने गये. कृष्ण हुड्डा 2009 , 2014 और 2019 में बरोदा से विद्यायक चुने गये.

कब किस पार्टी से चुना गए विधायक

1967 में बरोदा विधान सभा से कांग्रेस पार्टी के R. DHARI ने चुनाव जीता
1968 में बरोदा विधान सभा से विशाल हरियाणा पार्टी के श्याम चंद ने चुनाव जीता
1972 में बरोदा विधानसभा से श्याम चंद कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीते
1977 में बरोदा विधानसभा से भले राम जनता पार्टी से चुनाव जीते
1982 में बरोदा विधानसभा से भले राम लोकदल पार्टी से चुनाव जीते
1987 में बरोदा विधान सभा से किरपा राम लोकदल पार्टी से चुनाव जीते
1991 में बरोदा विधानसभा से रमेश कुमार खटक जनता पार्टी से चुनाव जीते
1996 में बरोदा विधानसभा से रमेश कुमार खटक समता पार्टी से चुनाव जीते
2000 में बरोदा विधानसभा से रमेश कुमार खटक इंडियन नेशनल लोकदल से चुनाव जीते
2005 में बरोदा विधानसभा से रामफल इंडियन नेशनल लोकदल से चुनाव जीते
2009 से 2019 तक कांग्रेस पार्टी के श्री कृष्ण हुड्डा बरोदा विधानसभा से चुनाव जीते
2019 बरोदा विधानसभा चुनाव

2019 विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के श्री कृष्ण हुड्डा चुनाव जीते थे वही बीजेपी के योगेश्वर दत 4 हजार वोटो से चुनाव हारे थे. श्री कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद अब बरोदा में उपचुनाव जल्द ही होने वाले हैं. किसी भी समय बरोदा उपचुनावो की तारीखों की घोषणा हो सकती हैं. सभी पार्टियों ने प्रचार के लिए कमर कस ली हैं. बीजेपी की तरफ से अबकी बार फिर योगेश्वर दत्त दोबारा चुनावी प्रचार कर रहे हैं. अब देखना होगा की क्या बीजेपी दोबारा योगेश्वर को बरोदा से चुनावी मैदान में उतारती हैं.

जाने क्या था राजनीती का रुख

दरसअल यह सीट और 2005 विधानसभा चुनाव तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही. इस अवधि में 10 बार चुनाव हुए. 1967 में कांग्रेस के रामधारी वाल्मीकि ने जनसंघ प्रत्याशी को हरा कर विधानसभा में प्रवेश किया. अगले वर्ष हुए मध्यावधि चुनाव में वीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी के श्यामचंद ने कांग्रेस के रामधारी वाल्मीकि को पराजित किया. उनमें चौधरी श्यामचंद कांग्रेस की ओर से लड़े और इस बार भी उन्होंने रामधारी वाल्मीकि को पटखनी दी. रामधारी संगठन कांग्रेस के प्रत्याशी थे.

1977 की इंदिरा विरोधी लहर में जनता पार्टी के भले राम ने निर्दलीय दरिया सिंह को पराजित किया. दोनों पुराने खिलाड़ी रामधारी वाल्मीकि (विशाल हरियाणा पार्टी) व श्यामचंद (कांग्रेस) भी चुनाव लड़े लेकिन तीसरे व चौथे स्थान पर रहे. 1982 भी भालेराम ने अपना कब्जा बरकरार रखा. 1987 में लोकदल प्रत्याशी डॉ. कृपाराम पुनिया ने कांग्रेस के चौधरी श्यामचन्द को पराजित किया. अगले 3 चुनाव 1991, 1996 व 2000 इंडियन नेशनल लोकदल के रमेश खटक ने बरोदा का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया और कांग्रेस के रामधारी वाल्मीकि, हरियाणा विकास पार्टी के चंद्रभान व कांग्रेस के शासन को पराजित किया. 2005 में इनेलो के रामफल चिडाना ने कांग्रेस के रामपाल रुखी को पराजित किया.

सामान्य सीट घोषित होने के बाद 2009 व 2014 में यहां से श्रीकृष्ण हुड्डा विधायक चुने गए और दोनों ही बार उन्होंने इनेलो के डॉ. कपूर नरवाल को पराजित किया. श्रीकृष्ण हुड्डा का अपना पुराना विधानसभा क्षेत्र किलोई था और वहां से वे तीन बार विधायक चुने गए थे. लेकिन 2005 में जब भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री बने तो श्रीकृष्ण हुड्डा ने किलोई सीट से त्यागपत्र दे दिया

ताकि भूपेंद्र हुड्डा उपचुनाव के जरिए विधानसभा की सदस्यता हासिल कर सकें. श्री कृष्ण के इस अहसान का बदला भूपेंद्र हुड्डा ने उन्हें बरोदा से चुनाव जितवाकर दिया.अब जब श्री कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद अब बरोदा में विधायक पद खाली हो गया है

deepika gaur

Recent Posts

अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 78 वा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की 78 वीं वर्षगांठ पर "अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी" द्वारा आजादी के गर्व का…

3 weeks ago

हरियाणवी छोरो ने विदेशी धरती पर किया भारत का नाम रोशन, हॉकी में आया मेडल

पेरिस ओलंपिक गेम्स में भारत अपना परचम लहराता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में…

1 month ago

फरीदाबाद विधानसभा 89 में नारकीय जीवन जी रहे है लोग : सुमित गौड़

कांग्रेसी नेता ने हनुमान नगर की गली में जाकर लिया समस्याओं का जायजाफरीदाबाद। ओल्ड फरीदाबाद…

1 month ago

बीजेपी और जेजेपी छोड़कर करीब 20 नेताओं ने भी थामा कांग्रेस का दामन

फर्जी सर्वे, प्रचारतंत्र और इवेंटबाजी की हवा से फुलाए गए बीजेपी के गुब्बारे की हवा…

1 month ago

गुडग़ांव-फरीदाबाद के लोगों से मिले प्यार का सदैव ऋणी रहूंगा : राजबब्बर

कांग्रेस नेता एवं पूर्व महापौर अशोक अरोड़ा के पुत्र भारत अरोड़ा रविवार को गुडग़ांव से…

1 month ago

फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ के घोटाले का जवाब बीजेपी को देना ही होगा – दीपेन्द्र हुड्डा

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अग्रवाल धर्मशाला चावला कालोनी से बस…

1 month ago