प्रदेश की आईटीआई में वर्षों से तैनात ठेका कर्मचारियों ने ठेकेदारों व अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे शोषण के खिलाफ रविवार को कैबिनेट मंत्री प.मूलचंद शर्मा के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के सामने आपबीती सुनाई,जिसको सुनकर मंत्री स्तब्ध रह गए।
मंत्री ने तुरंत विभाग के एसीएस व निदेशक से बातचीत कर शिकायतों एवं शोषण का समाधान करने के लिए 30 सितंबर को मीटिंग निश्चित की। मंत्री ने प्रदर्शनकारियों के बीच आकर आश्वासन दिया कि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रक्षिक्षण विभाग हरियाणा में ठेके पर लगे कर्मचारियों के शोषण करने वाले ठेकेदारों और इसमें शामिल अधिकारियों को बख्शा नही जाएगा।
प्रदेश की आईटीआई में तैनात कर्मचारी रविवार को ओपन एयर थियेटर सेक्टर 12 में एकत्रित हुए। वहां से सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री,उप प्रधान सबिता मलिक, आल हरियाणा आईटीआई आउटसोर्सिंग इंप्लाईज एसोसिएशन के राज्य संयोजक श्रवण कुमार व सह संयोजक अनीता,एसकेएस के जिला सचिव बलबीर सिंह व नपाकसं हरियाणा के उप महासचिव सुनील कुमार की अगुवाई में जूलूस की शक्ल में प्रर्दशन करते हुए कैबिनेट मंत्री के कार्यालय पर पहुंचे और जमकर नारेबाजी करते हुए प्रर्दशन किया।
प्रदर्शनकारियों के तेवरों को देखते हुए मंत्री ने शिष्टमंडल को तुरंत बातचीत के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद ही प्रर्दशनकारी शांत हुए।आल हरियाणा आईटीआई आउटसोर्सिंग इंप्लाइज एसोसिएशन के संयोजक श्रृवण कुमार व सह संयोजक अनीता ने मंत्री को बताया कि प्रदेश की आईटीआई में करीब 1240 ठेका कर्मचारी आऊटसोर्सिंग पॉलसी -1 के अंतर्गत सफाई कर्मचारी व माली के पदों पर काम कर रहे है।
इन कर्मचारियों का ठेकेदार सर्विस प्रोवाइडर ( ठेकेदार ) प्रधान नियोक्ताओं के साथ मिलकर भारी आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे है। उन्होंने बताया कि इन शोषित पीड़ित ठेका कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा को बताया है कि श्रम आयुक्त हरियाणा द्वारा 21अक्टूबर, 2010 को जारी पत्र की उलंघना कर हर साल ठेका बदलने पर कर्मचारियों के एक हिस्से को हटाकर मोटी रकम लेकर नए कर्मचारियों को लगाया जाता है। जबकि श्रम आयुक्त के पत्र में बिल्कुल स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ठेकेदार बदल जाने पर भी पुराने कर्मचारियों को काम पर लगाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एक तो वेतन समय पर नही मिलता, दूसरा बैंक में पूरा वेतन जमा करवाकर,उसका करीब आधी राशि वापस ले ली जाती है। विरोध करने पर उन ठेका कर्मचारियों को काम से हटा दिया जाता है।
ईपीएफ व ईएसआई में भी भारी अनियमितता है। अवकाश वाले दिन भी कर्मचारियों को बुलाकर काम लिया जाता है। उन्होंने बताया कि सर्विस प्रोवाइडर व प्रिंसिपल इम्पलॉयर की मिलीभगत के चलते कर्मचारियों के शोषण के साथ सरकार के खजाना को भी लूटा जा रहा है। ठेका जितने कर्मचारियों का होता है, उससे कम कर्मचारी काम पर लगाए जाते है। यही नही काम करने के लिए औजार तक के पैसों की भरपाई कर्मचारियों से की जाती है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने मंत्री से मामले में हस्तक्षेप कर तुरन्त निर्देश जारी करे कि ठेका बदलने पर किसी पुराने कर्मचारी को न हटाने,हटाए गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने और समय पर पूरा वेतन भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग की।
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