कोरोना काल में लगातार लोगों की मुसीबतें बढ़ी हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक लगातार एक तरीके से लड़ रहे हैं। स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस, वार्षिक शुल्क और ट्रांसपोर्ट फीस के मामले पर वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई काेर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। ये फीसें वसूलने देने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार व अन्य की अपील पर वीरवार को हाईकोर्ट ने साफ़ कर दिया है।
हाई कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उस से अभिभावक खुश हैं। कोर्ट ने कहा है कि जिन स्कूलों ने लॉकडाउन के दौरान ऑन-लाइन क्लास की सुविधा दी है सिर्फ वही स्कूल छात्रों से टयूशन फीस वसूल सकते हैं।
पैसों की मार सभी को पड़ी कोरोना काल में। कोर्ट के आदेश सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार सहित अभिभावकों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। हाई कोर्ट ने सिंगल बेंच के 30 जून के फैसले में संशोधन करते हुए यह आदेश दिए हैं।
स्कूल वालों का कहना है कि हमारे पास जब फीस ही नहीं आएगी तो हम वेतन कैसे देंगें? लेकिन हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को यह भी आदेश दे दिए हैं कि वह अपने स्टाफ को चाहे रेगुलर हैं या कॉन्ट्रेक्ट पर या ऐड-हॉक पर उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा, जो 23 मार्च को लॉक-डाउन लगाए जाने के दिन से पहले स्कूल में नियुक्त थे।
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