हरियाणा सरकार से फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने लॉक डाउन के दौरान फरीदाबाद में मथुरा रोड स्थित उद्योगों को भी कार्य करने की अनुमति देने की मांग की है। हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद व अनुराग अग्रवाल सहित उद्योगों से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हरियाणा के औद्योगिक संगठनों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री बी आर भाटिया ने मांग की कि लॉक डाउन के नाकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए तुरंत प्रभाव से उद्योगों को कार्य करने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
श्री भाटिया ने प्रशासनिक अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि यदि 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे की शिफ्ट बिना ओवरटाइम के घोषित की जाए तो इससे दोहरा लाभ उद्योगों, श्रमिकों व व्यवस्था को मिलेगा। आपने कहा कि 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे कार्य करने से जहां कम से कम श्रमिकों से कार्य करना संभव हो सकेगा, वहीं इससे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने की संभावनाएं भी न्यूनतम स्तर पर जा सकती हैं। श्री भाटिया के इस सुझाव को मुख्य सचिव ने भी सराहा।श्री भाटिया ने हरियाणा भर में एक्सपोर्ट यूनिट्स को तुरंत प्रभाव से कार्य करने संबंधी अनुमति देने का आग्रह करते हुए कहा कि एक्सपोर्ट यूनिट्स मौजूदा परिस्थिति में कार्य नहीं कर पा रही जबकि जिन देशों को उन्होंने निर्यात करना है, वहां कार्य चल रहा हैं और समय पर आपूर्ति ना होने के कारण इन एक्सपोर्ट इकाइयों पर ब्लैक लिस्टेड होने की तलवार लटकी हुई है, आपने इस संबंध में सरकार से तुरंत कार्यवाही का आग्रह किया।
श्री भाटिया ने इसके साथ ही आगामी 6 माह के लिए प्रोविडेंट फंड व ईएसआई संबंधी भुगतान को स्थगित करने का आग्रह करते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में उद्योगों के समक्ष एक बड़ा आर्थिक संकट बना हुआ है और महामारी की इस विपदा में पीएफ व ईएसआई संबंधी अंशदान करना काफी कठिन है।उद्योगों की ओर से वेतन ना देने की विवशता का उल्लेख करते हुए श्री भाटिया ने कहा कि उद्योग प्रबंधक अप्रैल माह का वेतन देने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में अप्रैल माह के वेतन को ईएसआई, पीएफ, लेबर वेलफेयर व हरियाणा सरकार के किसी भी फंड द्वारा प्रदान करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।श्री भाटिया ने इसके साथ ही फरीदाबाद में कम से कम 50000 श्रमिकों को काम करने देने की अनुमति देने का आग्रह भी किया। मौजूदा परिस्थितियों में उद्योगों के समक्ष जो हालात बने हुए हैं उससे स्वयं सरकार भी परिचित है, ऐसे में उद्योगों को राहत व प्रोत्साहन के लिए साकारात्मक नीति समय की मांग है।बैठक में पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, गुडगांव चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, कन्फरडेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज, आईएमएसएमई ऑफ इंडिया सहित विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
लगभग 2 घंटे चली इस बैठक का उद्देश्य लाक डाउन के दौरान बंद उद्योगों को पुनः आरंभ करने व उनके समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए योजना तैयार करना था। मुख्य सचिव ने औद्योगिक प्रतिनिधियों से बातचीत में बताया कि सरकार उद्योगों की समस्याओं को सुनना उन पर विचार करना चाहती है जिसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा इस मीटिंग का आयोजन किया गया।
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