देश में कोरोना संक्रमण पर लगाम पकड़ते देख सरकार ने बच्चों की स्कूली शिक्षा से जुड़ा एहम फैसला लिया है। कोरोना काल के चलते बच्चों की पढ़ाई का पहले ही काफी नुक्सान हो चुका है पर अब आगे आने वाली परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कक्षा 6 से 8वीं के बच्चों के स्कूल जाने के फैसले पर मौहर लगा दी है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा है कि स्कूलों में कोरोना से बचाव के तमाम इंतजाम सुनिश्चित करते हुए कक्षाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही, विद्यार्थियों की स्वछता संबंधी का विशेष ख़्याल रखा जायेगा। शिक्षा मंत्री कंवरपाल का कहना है कि छठी से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू करने के बाद के बाद छोटी कक्षाएं खोलने पर भी विचार किया जाएगा।
हरियाणा समेत अन्य राज्यों के माता-पिता का भी ये मानना है कि कोविड के चलते पहले ही बच्चों का सिलेबस काफी पीछे चल रहा है और बच्चे घर में चल रही ऑनलाइन क्लास से अच्छे से पढाई भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अधिकतर माँ-बाप का यही विचार है कि सुरक्षा और सावधानी में कोई भी लापरवाही न हो इसका ध्यान रखते हुए, बच्चों के स्कूल खोले जाने चाहिए।
कुछ पेरेंट्स का कहना है कि लॉक-डाउन में भी स्कूलों की पूरी फ़ीस भरनी पड़ी है पर बच्चों को लाभ नहीं मिल पाया है। ऑनलाइन क्लास में बच्चे न तो पूरे ध्यान से पढ़ रहे हैं और न ही उनके कांसेप्ट क्लियर हो रहे हैं। साथ ही आगामी परीक्षाओं का सोचें तो ऐसे में स्कूल खोलना ही बेहतर विकल्प है।
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