हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या को कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, जो 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शुक्रवार को चंडीगढ़ में बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन ने की।
उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों में डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध (आवश्यक, आपातकालीन सेवाओं के अलावा) लगाने के निर्देश दिए। इन क्षेत्रों में बिना किसी अवरोध के ग्रिड से बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए, ताकि डीजल जनरेटर की जरूरत को कम किया जा सके।
फरीदाबाद जिले में भी स्थिति काफी खराब हो जाती है। दिवाली के आसपास शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से 500 के बीच में पहुंच जाता है। इससे शहर पूरी तरह से गैस के चैंबर में तब्दील हो जाता है। इसलिए ईपीसीए की तरफ से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया जाता है। यह प्लान 15 मार्च तक लागू रहेगा। एक्शन प्लान के तहत पीएम 2.5 के स्लैब बनाए गए हैं। स्लैब के अनुसार पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने पर प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को बंद किया जाएगा।
पीएम 2.5 का स्तर 121 से 250 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच में होता है, तो डीजल जनरेटर चलाने पर पाबंदी रहेगी। इसके साथ ही होटलों में कोयले और लकड़ी जलाने पर पाबंदी रहेगी। पीएम
2.5 का स्तर 250 से 430 के बीच होने पर ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर जोन बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा सीमेंट मिक्सचर प्लांट बंद करने होंगे। सड़कों के साथ पड़ी धूल पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।
पीएम 2.5 का स्तर 48 घंटे तक 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक बना रहता है, तो कंट्रक्शन गतिविधियों को बंद करनी होंगी। प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए टास्क फोर्स का गठन भी करना होगा।
इधर प्रदेश में प्रदूषण का स्तर कई शहरों में तेजी से बढ़ने लगा है। फसल अवशेष जलने लगे हैं और वाहनों के अधिक संख्या में चलने से भी प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। चिन्हित प्रदूषण हॉट-स्पॉट पर भूस्तरीय निगरानी और नाइट पेट्रोलिंग की अनुपालन की जाएगी ।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक एक्शन प्लान के तहत जल्द ही टीमों का गठन किया जाएगा। यह टीम प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। कूड़ा लगाने व प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के चालान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से भी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई हैं। इसके तहत सड़कों पर धूल की सफाई, कूड़े के ढेरों को हटाने आदि से संबंधित काम करने के लिए कहा गया है। जिले में ऐसे 17 प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं, जहां पर कूड़े के काफी अधिक ढेर हैं।
गुरुग्राम और फरीदाबाद में विशेषतौर पर प्रदूषण कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए ताकि आमजन प्रदूषण से संबंधित समस्याओं व शिकायतों के लिए सीधे संपर्क कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों व समस्याओं का विश्लेषण किया जाए, जिससे यह समझने में आसानी होगी कि किस क्षेत्र में किस प्रकार की समस्या आ रही है और उसका निपटान जल्द किया जा सके।
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