सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले शुक्रवार को मजदूर दिवस पर सरकार द्वारा कोरोना योद्धाओं कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व एलटीसी रोकने के खिलाफ कर्मचारियों ने विरोध प्रकट किया। मजदूर दिवस पर शारीरिक दूरी के नियमों का कठोरता से पालन करते हुए अतंराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और पूंजीवादी नव उदारवादी आर्थिक नीतियों व शोषण के खिलाफ निर्णायक संधर्ष का निर्माण करने का आह्वान किया। प्रदेशव्यापी आह्वान पर शुक्रवार को नगर निगम के तीनों जोनों, बिजली निगम के कार्यालयों व टूरिज्म निगम में विरोध प्रकट किए गए।
लाकडाउन के कारण घरों में रहने वाले कर्मचारियों ने अपनी बालकनी व छतों पर हाथों कटौती के खिलाफ तख्तियां लेकर विरोध प्रकट किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार व जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर के नेतृत्व में निगम मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने हाथों में डीए, एलटीसी और जीपीएफ निकलने पर लगाई रोक के खिलाफ पट्टियां लेकर विरोध प्रकट किया। इस अवसर पर सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में डीए व एलटीसी रोकने के फैसले को वापस लेने और ऐसा न होने पर लाकडाऊन के बाद कटौती बहाली को लेकर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया। एक अन्य प्रस्ताव में कर्मचारियों के वेतन भत्तों में कटौती करने की बजाय देश के सबसे अमीर पांच प्रतिशत लोगों पर आवश्यक कर लगा कर आवश्यक संसाधन जुटाने की मांग की गई।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना योद्धाओं सरकारी कर्मचारियों का जुलाई,2021 तक ( डेढ़ साल) महंगाई भत्ता व एक साल के लिए लीव ट्रेवल कन्सेशन (एलटीसी) को रोक दिया है। जिससे प्रत्येक कर्मचारी को 3 से 6 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसमें पेंशनर्स, सैनिकों,अर्द सैनिक बलों के जवानों,फ्रंट लाइन कोरोना योद्धाओं तक को नहीं बख्शा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी व अधिकारी मार्च महीने के वेतन से 100 करोड़ से ज्यादा दान के रूप में हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में भी जमा करवा चुके हैं और यह सिलसिला अभी भी जारी है।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों में कर्मचारी नेता सतपाल नववत, युद्धवीर सिंह खत्री, सुभाष देसवाल, रमेश चन्द तेवतिया, मुकेश बेनीवाल, गुरुचरण गाडियां, कृष्ण कुमार, दिनेश शर्मा, नरेंद्र बेनीवाल वह मदन लाल, सोमपाल झंझोटिया आदि नेता उपस्थित थे।
इसके अलावा डाक्टर, नर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य सरकारी कर्मचारी के कर्मचारी कोविड 19 से निडरता के साथ जंग लड़ रहे हैं और आवश्यक सेवाओं को अबाधित रूप से चलाए हुए हैं। इन कर्मचारियों को सरकार ने आवश्यक सुरक्षा उपकरण तक उपलब्ध नहीं करवाए हुए हैं। इसके बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर निडरता के साथ जंग लड़ रहे हैं। इसके बावजूद सरकार ने इन्ही कोरोना योद्धाओं के महंगाई भत्ते व एलटीसी को बंद करके जबरदस्त आर्थिक हमला बोला है। जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है ।
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