कहा जाता है की एक नवजात शिशु के लिए माँ का दूध सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है ,लेकिन जरुरी नहीं की वह दूध सभी को नसीब हो। कहा जाता है की बच्चे होने के बाद 6 महीने तक बाचे को सिर्फ माँ को अमृत मन गए है। और कोई भी माँ नहीं चाहती की उनक बच्चा भूंखा रहे या फिर उनके दूध से अनजान रह जाये। और कहा जाता है की अगर दुनिया में कोई चीज सबसे पवित्र है तो वो है माँ की ममता। कोई भी माँ आपने बच्चे को भूंखा नहीं देख सकती ,खुद का पेट भरे या ना भरे लेकिन अपने बच्चे को माँ खुद भूँकि रह कर एक की जगह दो रोटी देती है।

लेकिन समय ऐसा आ गया है की अब समय ही नहीं बल्कि माँ की ममता भी कलयुगी होती जा रही है। आज की कलयुगी माँ ऐसी हो गयी है की वह पहले अपना पेट भरने की सोचती है फि अपने बच्चे की सोचती है।हाल ही में ऐसी ही एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आयी है जिससे सुनकर आपक भी माँ नाम से विस्वास उठ सकता है। खबर गांव कैली थाना सेक्टर 58 की है।

नवरात्र के इस पवन अवसर पर जहा देविओ को पूजा जाता है वही दूसरी और कलयुगी माँ के खिलाफ अपनी बच्ची मरने का आरोप लगाया है। बेटी के पिता ने अपनी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया की बेटी को दूध न पिलाने से मासूम बच्ची की मृत्यु हो गयी है।
पिता का आरोप कि बच्ची की मां ने उसे दूध नहीं पिलाया जिस कारण उसकी मौत हो गई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
इससे आप अंदाजा लगा सकते है की समय इतना कलयुग हो चूका है या यह कहना भी गलत नहीं होगा की अतयाचार इतना बड्ड चूका है की अब माँ की ममता भी कलयुगी हो गयी है। माँ की ममता को सबसे पवित्र माना जाता है ,लेकिन सवाल तब उठता है जब माँ की मंमता भी कलयुगी हो जाये और सिर्फ अपने फायदे के लियु सोचने लग जाए।