दिवाली का दिन अब ज़्यादा दूर नहीं है। दिवाली आते ही घरों में साफ़ – सफाई का काम शुरू हो जाता है। ऑफिस से गिफ्ट मिलते हैं। सरकारी तथा गैरसरकारी अधिकारीयों को बोनस भी मिलता है। लेकिन अब सरकारी स्कूलों में लगे मिड-डे मील वर्करों और डीटीएच चौकीदारों की दीवाली सूनी नहीं रहेगी। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रितु के प्रयास से इन कर्मचारियों की सैलरी देने की तैयारी कर ली गई है, जल्द ही इनकी तनख्वाह खाते में पहुंच जाएगी।
हर भारत वासी को दिवाली का इंतज़ार बेसब्री से रहता है। ये त्यौहार सभी के लिए ख़ास है। आपको बता दें, पहली कक्षा से लेकर 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मिड-डे मील दिया जाता है।

मिड-डे मील यूँ तो सभी विद्यार्थियों के लिए है लेकिन अक्सर हमने ऐसा देखा है कि सरकारी टीचर इसको अपने साथ ले जाते हैं। बच्चों को मिड-डे मील देने के लिए मिड-डे मील वर्कर रखे हुए हैं, साथ ही स्कूलों की देखभाल के लिए डीटीएच चौकीदार भी काम कर रहे हैं। बताया गया कि कि महामारी के कारण इन कर्मचारियों को 6-7 महीने से वेतन नहीं मिला है।

मिड-डे मील के मामलो में लगातार हमनें भ्रष्टाचार देखा है। आपको बता दें, मिड-दे मील वर्करों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में वर्कर व चौकीदारों की असोसिएशन भी बैठक कर अधिकारियों के सामने अपनी तकलीफ बता चुकी है। हरियाणा प्राइमरी टीचर असोसिएशन के सामने भी इस मुद्दे पर विचार विमर्श हो चुका है।

दिवाली के दिन सभी खुश रहे ऐसा कहना है सभी राज्य सरकारों का। मिड-डे मील वर्करों के प्रयासों के चलते इन कर्मचारियों की तनख्वाह बन गई है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी का कहना है कि इन वर्करों की तनख्वाह बनाई जा रही है। दीवाली से पहले तनख्वाह वर्कर व चौकीदारों के खातों में डाल दी जाएगी।