फरीदाबाद स्मार्ट सिटी को औधोगिक नगरी के नाम जाना जाता है लेकिन दुविधा तब खड़ी होती है जब औधोगिक नगरी के नाम से पहचानी जाने वाली स्मार्ट सिटी को उसका औधोक ही गंधा कर रह है। फरीदाबाद, स्मार्ट सिटी के साथ साथ अधोगिक नगरी भी फरीदाबाद की पहचान है लेकिन सवाल उठता है जब जिस नाम से जो शहर मसूर है वही चीज उसको निचे गिरा रही है। फरीदाबाद में लगभग सभी तरह की इंडस्ट्री मौजूद है ,और इस चीज़ से तो सब ही रूबरू होंगे की इंन्डस्ट्रीओ से वैस्ट भी अधिक मात्रा निकलता है।

लेकिन सोचने वाली बात यह है की इंडस्ट्री से निकलने वाला वैस्ट जाता कहा है ,हम आपको बता दे की इंडस्ट्री से निकलने वाला वैस्ट सड़क के किनारे फेक दिया जाता है ,महीनो महीनो तक यह कूड़ा ऐसी तरीके से सड़क के किनारे जमा रहता है। जिससे कारण लोगो को आने जाने के समस्या का सामना करना पड़ता है। महीनो महीनो से जम्मे कूड़े में से गन्दी बदबू आने लगती है जिसके चलते लोगो का उस सड़क से गुजरना मुश्किल हो जाता है।
सड़क के किनारे इकठे हुआ कूड़ा न सिर्फ उस सड़क को गन्दा कर रहे है बल्कि पुरे शहर में इसी तरह की गंधकी फैला रहे है। इसमें जितनी गलती औधोगिक नगरी की है उतनी ही गलती नगर निगम ,प्रशासन की भी है। नगर निगम भी उस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लोग और औधोगिक नगरी कूड़ा फैलती जा रही है और नगर निगम इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है की शहर किस तरीके से स्मार्ट सिटी कूड़ा घर बनती जा रही है। सड़क शहर की पहचान मानी जाती है लेकिन जब सड़क ही कूड़ा घर बनने लग जाये तो सोचिये पुरे शहर का क्या होगा।

सड़क के किनारे पड़े कूड़े से काफी बीमारिया उतपन होती है जो पुरे शहर को बीमार क्र रही है।