हम सभी ने देखा है कि दूध हमारी सेहत के लिए सबसे ज़रूरी माना जाता है। अब वीटा डेयरी सहकारी दुग्ध प्लांट की गुणवत्ता व शुद्धता पर सवालिया निशान लगा है। आपको बता दें, इन्होनें अब एयरफोर्स, आर्मी व एनएसजी ने वीटा दूध लेने से किया मना कर दिया है। करीब 20 दिन से रक्षा विभाग के इन संस्थानों में दूध नहीं जा रहा है। जबकि इन संस्थानों में वीटा प्लांट से प्रतिदिन करीब 3 हजार लीटर से अधिक की सप्लाई होती है।
लगातार वीटा के दूध पर सवाल खड़े करते रहते हैं लोग। जिले का दूध प्लांट बल्लभगढ़ में पिछले करीब 41 वर्षों से है। यहां पर सफेद क्रांति लाने के काम में जुटा हुआ है।

आपको बता दें हमारे जवानों के लिए जिले में स्थित ये प्लांट। दूध को एयरफोर्स स्टेशन डबुआ कॉलोनी, आर्मी दिल्ली व एनएसजी मानेसर के अलावा पलवल, फरीदाबाद, गुड़गांव, नूंह व रेवाड़ी में प्रतिदिन करीब 1 लाख लीटर से अधिक दूध की सप्लाई होती है। यह प्लांट दूध के अलावा दही, छाछ, घी सहित दूध से बने अन्य प्रॉडेक्ट भी बनाता है।

वीटा के इस प्लांट से आपको बता दें, रोज़ाना 3 हजार लीटर दूध रक्षा विभाग को भी सप्लाई करता है। मगर रक्षा विभाग ने अचानक ही प्लांट से दूध की सप्लाई लेने से मना कर दिया है। बताया जाता है कि इसकी वजह यह है कि रक्षा विभाग की पर्चेज कमेटी प्लांट की साफ सफाई से संतुष्ट नहीं है। रक्षा विभाग की पर्चेज कमेटी ने पिछले 20 दिन में दो बार प्लांट का दौरा किया है।

इस कदम से राजनीति अभी दूर है लेकिन आपको बता दें, कमेटी ने प्लांट का दौरा करने के बाद शुद्धता व गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगाए हैं। कमेटी जब तक संतुष्ट नहीं होगी, तब तक सप्लाई शुरू नहीं हो सकती। प्रदेश के सहकारी विभाग ने क्षेत्र के किसानों को रोजगार देने के लिए 31 जुलाई, 1979 को वीटा डेयरी दूध का प्लांट बल्लभगढ़ में लगाया था। गांवों में किसानों ने अपनी-अपनी सहकारी समिति बनाई हैं।