पिता मोची, मां मजदूर और बेटे ने खड़ी की करोड़ो की कंपनी, क्या कभी सोचा है कि किसी के मां बाप इतने मजबूर और मजलूम हो और उसके बावजूद भी अपनी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सबकुछ बताते हुए अपने बच्चे को तालीम दे कि उस तालीम की वजह से बच्चे उनके आगे बढ़ जाये।
दरअसल जो कहानी हम आपको बताने जा रहे है वो कहानी ऐसी है जिस कहानी के बलबूते आप अपने सपनो को एक बार फिर से जीने की कोशिश करेंगे।

अपने सपनो को जो लोग मार चुके है वो इस कहानी को सुनने के बाद अपने जेहन को फिर से कुरेदेंगे और फिर से एक हिम्मत और जोश के साथ उठेंगे। अमूमन देखा जाता है कि हमारे देश में जात पात उच्च नीच भेद भाव ये तमाम चीज़े लगातार बढ़ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि हमारा देश आगे बढ़ रहा है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है जिन लोगों के साथ ऐसा होता है
आप उन लोगों के दिल से पूछिए की वो लोग कैसे अपने जीवन को यापन करते हैं। आपको बता दे कि ये कहानी है अशोक खाड़े की है। उनके पिता पेशे से मोची थे और मां खेतों में काम करने वाली दिहाड़ी मज़दूर। मगर बेटे को शिक्षा के ज़रिये इस गरीबी के जंजाल से निकालने के विषय में जानते थे। इसी शिक्षा की बदौलत अभाव में जीने वाले अशोक ने एक कंपनी खड़ी कर दी।

आज उनकी कम्पनी 4,500 लोगों को रोजगार देती है और सालाना 500 करोड़ रुपये का कारोबार करती है। आपको बता दे कि अशोक का जन्म महाराष्ट्र के सांगली ज़िले के पेड गांव में हुआ था। वह एक दलित परिवार में पैदा हुए। चमार समुदाय से आते है। हम सभी जानते है कि लोग ज्यादातर जात पात को ध्यान में रख कर सामने वाले से बात करते है। अशोक को शिक्षा के महत्व का इल्म था। उन्होंने कई सरकारी स्कूलों से शिक्षा प्राप्त की। 10वीं क्लास की पढ़ाई वो अपने पिता और भाई की मदद के लिए मुंबई आ गए।
उस समय उनका भाई Mazgaon Dockyard नाम की एक कम्पनी में वेल्डर के रूप में काम कर रहा था। इस दौरान, अशोक ने पढ़ाई जारी रखते हुए अपने भाई की कम्पनी में ही बतौर प्रशिक्षु काम करना शुरू कर दिया गया। बता दे अशोक अपने मेहनत के दम ऐसा उदाहरण पेश किया है जिससे कि उनपर गर्व है।
