जिले में 1 नवंबर से पल्स पोलियो अभियान शुरू हो रहा है। अभियान के पहले दिन नागरिक अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों और मोबाइल बूट पर पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। 2 नवंबर से आशा कार्यकर्ता व एएएन डोर टू डोर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलायेंगी। विश्व स्वास्थ्य असेंबली संकल्पना वर्ष 1988 के बाद पोलियो उन्मूलन की वैश्विक पहल का पालन करते हुए भारत ने वर्ष 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत की गयी थी।
गत वर्ष भी जिले में यह अभियान चलाया गया था जिसमें। 5 साल तक के 50 हजार से ज्यादा बच्चों ने पोलियो की दवाई पी। जबकि रविवार को अभियान के पहले दिन लगभग 2 लाख 40 हजार बच्चों ने दवाई पी थी।

स्वास्थ्य विभाग ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अलग अलग टीम बनाने का कार्य शुरू कर दिया है अभियान को सफल बनाने में 2000 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। शून्य से पांच वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय टीकाकरण चरण के दौरान हर वर्ष पोलियो की ख़ुराक दी गयी। प्रत्येक राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के दौरान लगभग 172 मिलियन बच्चों ने टीकाकरण प्राप्त किया।

100 से अधिक पोलियो बूथ बनाए जाएंगे यहां पर लोग अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई सकेंगे। 1 नवंबर को सेक्टर कॉलोनियों एवं स्लम क्षेत्रों के अलावा, कंस्ट्रक्शन साइट, यमुना किनारे। बसे क्षेत्रों में जाकर दवा पिलाई जाएगी। पोलियो दवा के साथ जिले वासियों को महामारी से बचाव के प्रति जागरूक भी किया जाएगा।