जिले में गत तीन वर्षों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 52.8 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद, कचरे का निपटान संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर बंधवाड़ी मुख्य डंपिंग जॉन में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है और जगह न मिलने के कारण नगर निगम को कचरे के निपटान में एक बड़ी बाधा का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 74 में एक वैकल्पिक साइट स्थापित करने का कदम का स्थानीय निवासी कड़ा विरोध कर रहे हैं। हालात नियंत्रण से बाहर हो गए हैं क्योंकि शहर के 850 टन दैनिक कचरे को डंप करने के लिए अधिकारियों के पास जगह नहीं बची है।

बंधवाड़ी कूड़ाघर को मिर्जापुर व सीही के रकबे में स्थानांतरित कर यहां डंपिंग यार्ड बनाने को लेकर ग्रामीण व स्थानीय सेक्टरवासियों धरना दे चुके हैं। डंपिंग यार्ड के विरोध में 6 दिन से ग्रेटर फरीदाबाद में स्थानीय लोग सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे। सितंबर 2017 के बाद से कचरा निपटान के लिए 52.80 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, समस्या अब गंभीर हो गई है।

बंधवाड़ी में बनाए गए डंपिंग यार्ड के आसपास के लोगों को गंभीर बीमारियां होने लगी हैं। लोग कूड़ाघर के आसपास के गांवों में रिश्ता तक नहीं करना चाहते। इस कूड़ाघर के बनने से आसपास के गांवों की हवा और पानी दोनो ही खराब हो जाएंगे। पिछले तीन वर्षों में खराब काम के लिए 1.57 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, इसलिए जुर्माना 7 लाख रुपये से अधिक होने पर इसे रद्द करने की शर्त के बावजूद अनुबंध रद्द नहीं किया गया है।

सेक्टर 74 में ग्रामीणों ने प्रस्तावित डंपिंग ग्राउंड के पास ही टेंट लगाकर धरना शुरू किया था। उनकी मांग है कि प्रशासन इस योजना को यहां से हटाकर कहीं दूसरी जगह पर ले जाएं।