महामारी ने जिस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र को अपना निशाना बनाया है उसका असर सभी लोग देख सकते हैं। जिले के कॉलेजों में अब फिरसे रौनक दिखाई देने लगी है। नए सत्र की दाखिल प्रक्रिया अंतिम चंरण में पहुंच गई है। इसी कड़ी में ओपन काउंसिलिंग कॉलेज में हो रही है =। इस काउंसिलिंग में अपना दाखिला सुनिश्चित करने के लिए सैकड़ों विद्यार्थी कॉलेज कैंपसों में पहुंच रहे हैं।
ओपन काउंसिलिग के तहत दाखिला प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही छात्र लगातार कालेज पहुंच रहे हैं। विद्यार्थियों की इस भीड़ ने महामारी के चलते पिछले सात महीने सात दिन से छाया सन्नाटा तोड़ कर कॉलेजों की रौनक भी लौटाई। विद्यार्थियों के खिलखिलाते चेहरे और दाखिले की उत्सुकता देखने लायक है।

महामारी के कारण बीते महीनों से जारी लॉकडाउन के दौरान जहां शिक्षाविद और शिक्षकों और छात्रों की आहट बिल्कुल खामोश हो गई थी। करीब आठ महीने से शांत पड़े कालेजों में एक बार फिर से छात्रों की चहल-कदमी दिखाई दी है। उच्च शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार, बुधवार को कॉलेजों में ओपन काउंसिलिंग रखी गई। यहां सैकड़ों विद्यार्थी व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे।

पढ़ने वाले विद्यार्थियों की आवाजाही बिल्कुल सड़कों पर नगण्य हो गई थी। कॉलेज एवं विद्यालयों में ताले लटके पड़े थे। बुधवार को शाम को जारी हुई मेरिट सूची में शामिल होने वाले एवं आफलाइन दस्तावेज की जांच करवाकर मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कराने वाले छात्र बृहस्पतिवार को कालेज पहुंचे थे। दाखिले की होड़ व उत्सुकता के चले दोपहर बाद तक भी कॉलेज कैंपस युवाओं से खचाखच भरे रहे।

अब धीरे-धीरे सड़कों से लेकर विद्यालयों के प्रांगण तक पुन: रौनक आने लगी है। अपनी सीट सुरक्षित करने के लिए अपने दस्तावेजों के साथ कॉलेज पहुंचे विद्यार्थी घंटों कतार में खड़े रहे। छात्रों के आने की उम्मीदों को देखते हुए कालेज प्रबंधकों ने काउंसिलिग के उचित इंतजाम किए गए थे। डीएवी कालेज में छात्रों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए विभिन्न कोर्स की काउंसिलिग डेस्क अलग बनाई गई थी।