धीरे-धीरे त्योहारों का सीजन शुरू होते ही अब मौसम का मिजाज भी बदलता हुआ देखा जा सकता है। जहां एक तरफ अब लोगों के घर में हवा देने वाली चीजें जैसी वस्तुओं को पंखे और कूलर को आराम करने का मौका मिल गया है।
वहीं रजाई भी धीरे-धीरे बाहर निकलती है दिखाई दे रही है। वहीं अब परिजन अपने छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए गर्म गर्म कपड़े खरीदते हुए दिखाई दे रहे हैं ताकि आने वाली ठंड में उन्हें राहत दी जा सके।

गौरतलब, पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से प्रदेश में भी ठंड बढ़ने लगी है। गुरुवार को रात का पारा हिसार में सामान्य से 5 डिग्री नीचे रहा। यह 11.1 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। यह अक्टूबर माह में पिछले 6 साल में सबसे कम दर्ज किया गया है।
इससे पहले 2012 में 26 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा था। अक्टूबर माह में अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री 31 अक्टूबर 1949 को रहा था।

रेवाड़ी में पारा 10.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. वहीं, करनाल में यह 12.5 डिग्री रहा।करनाल में 2012 में 28 अक्टूबर को 10.5 डिग्री तापमान रहा था। मौसम विभाग के अनुसार, एक-दो दिन में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है।
उधर, देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री रहा, जो पिछले 26 वर्षों में अक्टूबर महीने में सबसे कम है।

सरसों की बिजाई उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30 , आर एच 406 आदि के प्रमाणित बीजों से जल्दी पूरी करे. बिजाई से पहले 2 ग्रामकारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से अवश्य उपचारित करें.

देसी चने की बिजाई के लिए खेत को अच्छी प्रकार से तैयार करे तथा उन्नत किस्मों के साथ बिजाई शुरू करे. देसी चने की उन्नत किस्मों बारानी व सिंचित क्षेत्रों के लिए एचसी 1 तथा सिंचित क्षेत्रों के लिए एचसी 3 (मोटे दाने वाली किस्म) व एचसी 5 किस्मों का प्रयोग करे. बिजाई से पहले बीज का राइजोबियम के टीके से उपचार करें.