जिले में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ता ही जा रहा है। प्रदूषण स्तर में लगातार इज़ाफ़ा होने के कारण सांस रोगियों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। देश भर में लॉक-डाउन के दौरान सभी शहरों और जिलों की हवा काफी साफ़ हो गयी थी, जिससे सांस रोगियों को काफी राहत मिली थी।

इतना ही नहीं, लॉक-डाउन के दौरान हवा की क्वालिटी यानी गुणवत्ता बढ़ गयी थी जिससे मरीज़ों ने इनहेलर लेना भी छोड़ दिया था। पर अब, फिर से प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से रोगियों की दिक्कतें भी बढ़ती नज़र आ रही हैं।

फोर्टिस अस्पताल के सांड रोगी विशेषज्ञ डॉ. रवि शेखर झा ने बताया कि पिछले 10 दिनों में सांस के मरीज़ों की संख्या काफी बढ़ गयी है। पहले OPD में 3 से 4 मरीज़ आ रहे थे अपर अब प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है जिससे अब 15 से 16 मरीज़ रोज़ाना आ रहे हैं। हवा की गति रुकने के कारण भी वायु में प्रदूषण के कणों में इज़ाफ़ा हुआ है।

सर्वोदय अस्पताल की सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा मेहंदीरत्ता ने बताया कि सांस रोगियों से लिए इन दिनों में काफी दिक्कत बढ़ गयी है। प्रदूषण के कारण ओपीडी में सांस रोगियों की संख्या 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।

इन दिनों में हर साल ही प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है जिसकी वजह से यह समस्या हो रही है। डॉ. मनीषा मेहंदीरत्ता का कहना है कि मरीज अपनी दवा नियमित रूप से लेते रहें। साथ ही, बच्चे व बुज़ुर्ग अपना ख़ास ख़याल रखें।

इन बातों का ख़ास ख्याल रखें :
सुबह वॉक से करें परहेज़, धुप निकलने पर ही बहार घूमने जाएँ
सांस चलने वाली एक्सरसाइज न करें
बहार जाते समय थ्री लेयर मास्क का इस्तेमाल करें
भीड़ भाड़ वाले इलाकों और प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें
दोपहर 2 से 4 के बीच में ही घरों की खिड़कियाँ खोलें