3 नवंबर को बरोदा में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारियां जोरों शोरों पर है। हर पार्टी का नेता अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पूर्ण मशक्कत करने में व्यस्त दिखाई दे रहा है। वैसे तो सोनीपत जिले का बरोदा विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही इनेलो के नाम रहा है।
बताते चले कि इस सीट पर छह बार ताऊ देवीलाल के लोकदल और ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो पार्टी के उम्मीदवार जीत दर्ज करा चुके हैं। साथ ही यहां कांग्रेस भी छह बार अपनी जीत का परचम लहरा चुकी है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के टिकट पर जीत की लगातार हैट्रिक लगाने वाले श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद इस सीट को वापस हासिल करने के लिए ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अभय सिंह चौटाला ने पूरा जोर लगा दिया है।
इनेलो ने यहां से अपने पुराने उम्मीदवार जोगिंदर मलिक को मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी तरफ आज भाजपा बसपा का गठबंधन यह दावा कर रहा है कि उनकी जीत बरोड़ा उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत होगी।

वहीं इंडियन नैशनल लोकदल के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने कहते है कि मेरी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। मैं जो कहता हूं, उसे पूरा भी करता हूं। जिसे मैं कर नहीं सकता, उसे मैं कहता भी नहीं हूं।
उन्होंने पूर्व सी.एम. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को खुलकर कोसते हुए उनपर आरोप लगाया कि हुड्डा द्वारा रची साजिश से ही मैं अब भी जेल में हूं। मेरी सजा पूरी भी हो चुकी है, पर मुझे रिहा नहीं किया जा रहा है।
इनैलो सुप्रीमो ने गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा इस गठबंधन की हालत ऐसी हो चुकी है कि वह अभी तक 2 लाख करोड़ का कर्ज ले चुकी है। नतीजा यह है कि कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कोई रास्ता नहीं दिखा तो वेतन का भुगतान करने के लिए एक और नया कर्ज अपने सर ले लिया।
उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के उस सपने को हकीकत में बदलना चाहते हैं जिसमें वह रोटी, रोजी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और चिकित्सा की सबके लिए सरकार के स्तर पर व्यवस्था चाहते थे। चौटाला ने कहा कि न तो उनका कोई निजी स्वार्थ है, न ही राजनीतिक।