क्या ऐसा भी मुमकिन हो सकता है कि किराया दो और चोरी कराओ, जी हां, ऐसा हुआ है, दरअसल सुनने में ही बड़ा अजीब सा लग रहा है। लोग किराये पर घर लेते हैं, ज़रूरत का सामान लेते हैं, लेकिन यहां क्या ख़बर मिल रही है, कि चोरों को ही ही किराये पर रखा गया है।
और ये चोरों के लिए नई नौकरी है। दरअसल ख़बर तो वास्तव में चौंकाने वाली है लेकिन जब हमने इसकी हकीकत जानने की कोशिश की तो ख़बर राजस्थान के एक इलाके की निकली और सौ फीसदी सच भी।

अब यहां बेरोज़गारी को दूर करने के लिए नौकरी दी जाती थी और वो भी चोरी करने की और ये नौकरी सिर्फ उन लोगों को ही मिलती थी जो चोरी कर सकता है। अब हर बार चोर यानि रोज़गार के लिए युवक भी बदले जाते रहे और चोरी करने की एवज में चोरों को रोज़गार के रूप में 15 हज़ार रूपये प्रति माह के लिए रखा जाता रहा है।
बतादें कि अब ऐसे में चोर गिरफ्तार भी हो गए और जो चोर गिरफ्तार हुए हैं उन्होंने बताया की वो अपराध की दुनिया में पहली नौकरी कर रहे हैं। चोरों ने बताया कि उनका बॉस 21 साल का आशीष उर्फ अमित है। उसने उन्हें बाकायदा पंद्राह हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी पर चोरी करने के लिए रखा हुआ है। वो लोग उसके लिए चोरी करते हैं और वो उस चोरी के सामान को बेचता है और चोरों को हर महीने सैलेरी के रूप में 15 हज़ार रूपये देने का काम भी करता है।

अब पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात करनी शुरू करदी है और ऐसे चोर गैंग को पकड़ने की जुगत में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि कई नौजवान भटक जाते हैं और जल्दी अमीर बनने की इच्छा के चलते जुर्म की काली दुनिया का रास्ता अपना लेते हैं लेकिन जब वो पीछे मुड़कर देखते हैं तो उन्हें जेल और सज़ा के अलावा कुछ नहीं मिलता है। अब पलिस ऐसे गैंग का सफाया कब तक कर पाती है ये देखने वाली बात होगी और पुलिस आखिर कब तक मुख्य आरोपी को गिरफ्त में लेती है ये भी जानना बहुत बड़ी ख़बर मानी जाएगी, खैर आप हमेशा सचेत और जागरूक रहिए।