आठ महीने बाद हुई निगम की बैठक का सभी को बेसब्री से इंतजार था। निगम की बैठक कल आठ घंटे तक चली। सड़क, पानी, सफाई से बड़ा मुद्दा इस बार शहर की स्ट्रीट लाइट रहीं। पार्षदों ने दिवाली से पूर्व अपने अपने क्षेत्र में रौशनी के लिए स्ट्रीट लाइट की मांग की है।
निगमायुक्त यश गर्ग ने व्यवस्था की बाध्यता बताते हुए दिवाली से पहले स्ट्रीट लाइट लगवाने को लेकर अस्मर्थता जाहिर की। ऐसे में पार्षदों ने अपनी मांग में फेर बदल किया। जहां उनकी मांग थी की प्रत्येक पार्षद के क्षेत्र में 100 स्ट्रीट लाइटें लगे वहीं उन्होंने यह संख्या घटाकर 50 करदी।

नगर निगम प्रशासन पार्षदों द्वारा राखी गई इस मांग को पूरा करने में भी अस्मर्थ नजर आया। बैठक के दौरान निगम में स्ट्रीट लाइट घोटाले को लेकर भी सवाल उठाए गए। इस दौरान सदन बैठक में खूब हंगामा हुआ। वार्ड नंबर 6 के पार्षद द्वारा स्ट्रीट लाइट का मुद्दा उठाया गया।

आपको बता दें कि पार्षद द्वारा स्ट्रीट लाइट को लेकर आठ करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप लगाया है। पहले ही स्ट्रीट लाइट न मिलने के कारण सभी पार्षद एकजुट हो गए और उन्होंने लाइट्स मामले की जांच उठा दी।
टेंडर प्रक्रिया को बताया जा रहा है लाइट न देने की वजह

दिवाली से पहले सभी वार्डों में रोशनी के लिए उठी मांग के जवाब में नगर निगमायुक्त यश गर्ग ने निगम सदन में पार्षदों को बताया कि इसके लिए टेंडर प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस प्रक्रिया में समय लगता है उसके बाद ही खरीदारी होगी। दिवाली का समय अब कम बचा है। ऐसे में निगमायुक्त ने निगम के स्टोर में स्ट्रीट लाइट्स को उपलब्धता की जांच करने की बात कही और खराब लाइट को जल्द ही ठीक करवाने के लिए कहा है।

नगर निगम की बैठक में सभी मद्दों पर वार्ता हुई। इस दौरान बीते महीनों नगर निगम दफ्तर में लगी आग पर भी चर्चा की गई। निगमायुक्त में बताया की इस पूरे मामले में कड़ी कार्यवाही की जा रही है और जल्द से जल्द पूरे मामले को साफ़ कर दिया जाएगा।