निकिता हत्याकांड से गूंजेगा हरियाणा का विधानसभा मानसून सत्र, निकिता को इंसाफ के लिए हो सकती है बड़ी घोषणा
एक बार फिर हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का आयोजन होने जा रहे हैं। जहां इस बार बल्लभगढ़ का बहुचर्चित मामला निकिता गोलीकांड विधानसभा के वातावरण में गूंजेगा। वही फरीदाबाद के एनआईटी 86 के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा द्वारा इस पर ध्यान केंद्रित करने हेतु प्रस्ताव पहले ही दे दिया गया है,
और इसे चर्चा के लिए विधानसभा सत्र में मंजूरी भी मिल चुकी है। वही चर्चा के दौरान हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज शुक्रवार को विधानसभा में राज्य सरकार का पक्ष भी रखेंगे।

बता दें कि एनआईटी 86 कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा द्वारा विधानसभा के मौजूदा सत्र में ध्यान केंद्रित करते हुए प्रस्ताव के माध्यम से इस हत्याकांड पर जवाब मांगेंगे। उल्लेखनीय है कि 26 अक्टूबर को निकिता तोमर की हत्या बल्लभगढ़ स्थित अग्रवाल कॉलेज के सामने तौसीफ खान नामक व्यक्ति द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस दौरान तौसीफ खान ने निकिता का अपहरण करने का भी प्रयास किया था, इतना ही नहीं उसे गाड़ी में जबरन उठाना चाहा तो निकिता नहीं बैठी जिसके बाद तो तौसीफ खान ने गोली मारकर निकिता की हत्या कर दी।
वहीं पुलिस की कार्यवाही की बात करें तो पुलिस विभाग द्वारा तौशिफ खान और उसके साथी को गिरफ्त में ले लिया गया था। इस जघन्य हत्याकांड के खिलाफ इस समय देशभर में प्रदर्शन की लहर दौड़ रही है।
हर कोई निकिता को इंसाफ दिलाने के लिए गुहार लगा रहा है और हर किसी की आंखों में इस हत्याकांड को लेकर गुस्सा उबाल भर रहा है।
पुलिस के आलाधिकारी अब इस बात को लेकर चिंतित हैं कि 2018 में पंचायत के दौरान भी जांचकर्ता पुलिस अधिकारी तब तौशीफ का मनोविज्ञान क्यों नहीं समझ पाए। लड़की ने तौशीफ के खिलाफ बयान दिया था
तो फिर पंचायती समझौता भी किस तरह हुआ। चूंकि मामला दो धर्मों का था इसलिए इसकी गंभीरता क्यों नहीं देखी गई। इस तरह यह मामला पुलिस जांचअधिकारियों के लिए शोध का विषय है।
हरियाणा सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून का प्रारूप भी तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज ने इस बाबत प्रदेश के आलाधिकारियों सहित कानूनविदों से भी चर्चा की है। माना जा रहा है कि शुक्रवार विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस बाबत कोई घोषणा भी कर सकते हैं।
गृह मंत्री अनिल विज पहले ही पुलिस विभाग को पहले ही लव जिहाद को लेकर घटित मामले का ब्यौरा तैयार कर रिपोर्ट देने के लिए एक माह का समय दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि सारी रिपोर्ट देखने के बाद ही कड़े कानून नियम अवश्य बनाए जाएंगे।