प्रदेश की मनोहर सरकार द्वारा गन्ने के समर्थन मूल्य में 10 रूपए की मामूली बढ़ोतरी को तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित नागर ने ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए कहा कि यह मूल्यावृद्धि किसानों के साथ भद्दा मजाक है
और ऐसा करके भाजपा सरकार ने अपनी किसान विरोधी सोच का परिचय दिया है। यहां जारी एक प्रेस बयान में ललित नागर ने कहा कि गन्ने का समर्थन मूल्य सरकार ने 340 से बढ़ाकर 350 प्रति क्विंटल किया है, जो कि इस महंगाई के दौर में किसानों को कोई लाभ नहीं पहुंचाएगा क्योंकि आज के दौर में बीज, खाद,
कीटनाशक आदि के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि के चलते खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है, ऐसे में खट्टर सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित करने के बजाए उनकी फसलों में नाममात्र की मूल्यावृद्धि करके उनका मजाक उड़ा रही है।
उन्होंने कहा कि एक तो वैसे ही देश का अन्नदाता किसान कोरोना महामारी और बिगड़ती अर्थव्यवस्था के चलते किसान हताश और परेशान है, ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि गन्ने के समर्थन मूल्य में मुख्यमंत्री मनोहर लाल वृद्धि करके उन्हें राहत पहुुंचाएंगे
परंतु इसके उल्ट मुख्यमंत्री ने मात्र दस रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर उन्हें निराश किया है। उन्होंने भाजपा सरकार से मांग करते हुए कहा कि गन्ने के समर्थन मूल्य में कम से कम 50 रूपए प्रति क्विंटल की मूल्यावृद्धि की जाए, जिससे किसानों को इस महंगाई के दौर में राहत मिल सके।
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