प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिन लोकल पर दिवाली का नारा देकर भारत के लाखों मजदूरों को बेरोजगार होने से बचा लिया। चीन के साथ बिगड़ते रिश्तो का सीधा असर व्यापार पर देखने को मिला है ,जिसके चलते व्यापारियों ने चाइनीस माल का पूर्ण रूप से बहिष्कार करते हुए लोकल सामान को ही बढ़ावा दिया है। बता दें कि, फरीदाबाद इस मुहिम में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है फरीदाबाद में चीनी लाइटों की जगह इस बार मिट्टी के दीयों से जगमग आएगा सारा शहर।
साधारण दिये ₹10 दर्जन बिक रहे हैं तो वहीं दूसरी और बेहतर गुणवत्ता वाले दिए ₹20 दर्जन है। फैंसी दियो की बात करें तो ₹5 से लेकर ₹10 प्रति पीस इनकी कीमत है महंगी फैंसी चाइना लाइटों के मुकाबले देसी दिए सस्ते हैं और अच्छे भी। लोकल फॉर वोकल के तहत मिट्टी से बनी तरह-तरह की आइटम हजारों में धूम मचाए हुई है।
ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, एनआईटी, तिगांव व अन्य बाजारों में मिट्टी के बने दिए चौकड़ा, मंदिर व अन्य सामान लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। लोग भी बड़े उत्साह से इन मिट्टी के सामानों को खरीद रहे हैं। चीनी सामान के चलते मंद हुआ दीये बनाने का परंपरागत का एक बार फिर बाजार में तेजी पकड़ रहा है और लोकल व्यापारियों के लिए इससे बड़ी खुशी की बात दीपावली पर हो नहीं सकती।
कारोबारियों और मजदूरों का कहना है की उनके मिट्टी के दीये बिकेंगे तभी इस दीपावली उनका घर खुशियों से रोशन हो पाएगा। लोकल सामान के प्रति जनता का ऐसा उत्साह देखने से ऐसा लगता है कि भारत ने आत्मनिर्भर बनने के लिए कदम उठा लिया है और इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा हो रहा है।
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