Categories: India

जानिए कहा मानते है दीपावली के एक महीने बाद दीपावली उसके पीछे क्या है मान्यता

कहते है कि भारत देश अपनी अंदर अनेको संस्कृति का भंडार लेकर बैठा है हर प्रान्त की अलग खासियत और विशेषता है एक राज्य से दूसरा राज्य पूरी तरह से भिन्न है आज ऐसी ही एक अनोखी परंपरा से आपको रूबरू कराने वाले है

जहां शनिवार को पूरे देश ने दीवाली पर्व मनाया और इस दिन जमकर खुशियां मनाई वही एक राज्य ऐसा है जहाँ एक महीने बाद दीपावली का पर्व मनाया जाएगा

जानिए कहा मानते है दीपावली के एक महीने बाद दीपावली उसके पीछे क्या है मान्यताजानिए कहा मानते है दीपावली के एक महीने बाद दीपावली उसके पीछे क्या है मान्यता

आज कल के परिवेश में पुरानी मान्यताओं को जिंदा रख पाना मुश्किल है परंतु हिमाचल प्रदेश में पुरातन संस्कृति व मेले और त्योहारों में आत्मीयता काफी हद तक कायम है। यहाँ हर बरस दीपावली के एक माह बाद बूढ़ी दीवाली मनाई जाती है।

देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल के सिरमौर, कुल्लू के बाहरी व भीतरी सिराज क्षेत्र शिमला के ऊपरी इलाके व किन्नौर क्षेत्र में दीपावली से एक माह बाद यह पर्व इस बार सात दिसंबर को आरंभ होगा।

इन क्षेत्रों में इस आयोजन को बूढ़ दवैली, बूढ़ी दिआऊड़ी, दयाउली कहा जाता है। इस पारम्परिक आयोजन से जुड़ी किवदंतियां महाभारत व रामायण युग से निकली हैं।

पहाड़ों में देर से मिली थी राम के लौटने की खबर

कहते हैं पहाड़ी इलाकों में श्रीराम के अयोध्या लौटने की खबर देर से पहुंची तब तक पूरा देश दीवाली मना चुका था फिर भी पहाड़ी बाशिदों ने उत्सव मनाया नाम पड़ गया बूढ़ी दीवाली। ज़िला कुल्लू का निरमंड पहाड़ी काशी से रूप में प्रसिद्ध है।

यह जगह भगवान परशुराम ने बसाई थी, वे अपने शिष्यों के साथ भ्रमण कर रहे थे। एक दैत्य ने सर्पवेश में उन पर आक्रमण किया तो परशुराम ने अपने परसे से उसे खत्म किया। इस पर लोगों द्वारा खुशी मनाना स्वाभाविक था जो आज तक जारी है। इस मौके पर यहां महाभारत युद्ध के प्रतीक रूप युद्ध के दृश्य अभिनीत किए जाते हैं।

सुबह के समय एक लंबा रस्सा बनाया जाता है। इसे एक विशेष घास से बनाया जाता है, जिसे मुंजी का घास कहा जाता है, उस रस्सी के अगले सिरे में महादेव के गुर नाचते हैं और पीछे से हजारों लोग नाचते हैं।

पूरे मंदिर के तीन फेरे दिए जाते हैं और उसके बाद उस रस्सी को काटा जाता है और उस रस्सी को लोग अपने अपने घर ले जाते हैं। कहा जाता है कि इसको अपने घर पर रखने से चूहे और सांप आदि नही निकलते हैं

भारत विविधताओं का देश है और देश के लगभग हर इलाके की अपनी संस्कृति और सभ्यता है। हिमाचल कि यह खास बूढ़ी दिवाली भी इसी का एक रूप है। तो अगर आज दिवाली मनाने के बाद भी अगर आपका मन पूरी तरह से ना भरे तो आप भी हिमाचल के इन लोगों की तरह एक महीने बाद बूढ़ी दीवाली का जश्न मना कर अपने घरों को एक बार फिर से खुशियों से भर सकते हैं

deepika gaur

Published by
deepika gaur

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

6 days ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

6 days ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

6 days ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 week ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 weeks ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 weeks ago