प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ता जा रहा है जो प्रदेश सरकार के लिए चिंता का विषय है। फरीदाबाद समेत दिल्ली एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। तकरीबन सभी इलाके रेड जोन मैं आ रहे हैं और वायु गुणवत्ता स्तर साडे 300 के भी पर बना हुआ है। इसी बीच हवा की दिशा बदलने से और बारिश होने से राहत तो मिली है लेकिन वायु प्रदूषण की समस्या अभी भी बनी हुई है।
गुड़ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताया जाता है। इतना ही नहीं बुजुर्ग, बच्चे और डायबिटीज की बीमारी के मरीज भी गुड़ का सेवन निश्चिंत होकर कर सकते हैं। वायु प्रदूषण के चलते आमतौर पर लोगों में अस्थमा ब्रोंकाइटिस और अन्य बीमारियों की शिकायत होती है ऐसे में गुड एक जड़ी बूटी का काम करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और जानकारों की माने तो वायु प्रदूषण से पीड़ित लोगों को 100 ग्राम गुड़ अवश्य खाना चाहिए। गुड़ का सेवन कुछ इस प्रकार किया जाए तो वह और भी लाभदायक होता है। एक चम्मच मक्खन में 100 ग्राम गुड़ और हल्दी मिलाकर इसका सेवन करने से प्रदूषण का असर कम हो जाता है।
ऐसा जानकारों का मानना है गुड़ की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थ हो और टॉक्सिंस को बाहर निकालता है और बॉडी को टोक्सिन-फ्री बनाता है। गुड़ को सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी परेशानी से भी राहत मिलती है।
बढ़ता वायु प्रदूषण ना सिर्फ रेस्पिरेट्री सिस्टम को बल्कि सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में लोगों को रोजाना भोजन के साथ गुड़ खाना चाहिए गुड में रोगप्रतिकारक शक्ति होती है जो बढ़ते प्रदूषण से लड़ने में लाभदायक है।
सैकड़ों सालों से गुड़ भारतीय खानपान का हिस्सा रहा है पहले जमाने के बूढ़े बुजुर्ग भोजन के बाद अक्सर गुड़ का सेवन करते थे और यही कारण है जिसकी वजह से उनका पाचन तंत्र दुरुस्त रहता था।
गुड़ खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट भी ठीक रहता है।
अस्थमा के रोगियों और सांस संबंधी तकलीफों से जूझ रहे लोगों को गुड़ का सेवन अवश्य करना चाहिए।
डायबिटिक लोग भी निश्चिंत होकर गुड़ का सेवन कर सकते हैं।
शरीर में टॉक्सिन को बाहर निकाल सकता है गुड़ का सेवन साथी गुड एक ब्लड प्यूरीफायर के तौर पर भी काम करता है।
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