राजीव चावला ने बताया, लॉक डाउन कितने लोगो की नौकरी संकट में डालेगा

राजीव चावला ने बताया कि लॉक डाउन के कारण कितने लोगो की नौकरी पर मंडराए हुए है संकट के बादल:- वैश्विक महामारी घोषित हो चुका कोरोना वायरस 50,000 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लेकर भारत में बड़े पैमाने पर अपना प्रभाव दिखा रहा है जिसके चलते वर्तमान में भारत देशव्यापी लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है जिस कारण अधिकतर लोग इस समय बेरोजगार हो चुके हैं।

लेकिन देश बंदी के कारण रोजगार खो चुके मजदूरों पर सबसे अधिक प्रभाव हरियाणा में पड़ रहा है क्योंकि हरियाणा राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योगीक इकाई है जिनमे लाखो मजदूर कार्य करते है और इन्हीं उद्यौगिक इकाइयों के जरिए हरियाणा राज्य पड़े पैमाने पर देश की अर्तव्यवस्था में अपना अहम योगदान देता है।

इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ माइक्रो एवं स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्रेन्योर ऑफ इंडिया के फरीदाबाद जिले के चेयरमैन राजीव चावला ने कहा कि तालाबंदी के कारण हरियाणा राज्य में कितने लोगों का रोजगार जाता है इसका सही पता स्थिति सामान्य होने के बाद ही चल पाएगा। लेकिन एक अनुमानित आकंडे के अनुसार 50 फीसदी कंपनी वर्कर्स इससे प्रभावित हो सकते है।

राजीव चावला :- फिलहाल बात करे लॉक डाउन के कारण मजदूरों पर पड़ने वाले अन्य प्रभाव की तो मार्च एवं अप्रैल माह में कंपनियों द्वारा सरकार की अपील के चलते मजदूरों को वेतन दे दिया गया था लेकिन मई के माह में लगभग सभी कंपनियां कुछ प्रतिशत मजदूरों के साथ वापस से चालू की जा चुकी है जिस कारण मई माह में केवल उन्हीं मजदूरों को वेतन दिया जाएगा जो इस समय कार्यरत होंगे।

वहीं असंगठित मजदूरों का रोजगार समाप्त हो जाने के विषय में बात करते हुए इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (IFTU), हरियाणा के संयोजक पीपी कपूर ने कहा कि लॉक डाउन के कारण रोजगार चले जाने का सबसे अधिक प्रभाव हरियाणा के असंगठित मजदूरों पर इसलिए पड़ेगा क्यूंकि हरियाणा में मौजूद अधिकतर मजदूरों के पास सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज भी नहीं है।

पीपी कपूर ने कहा कि हरियाणा के केवल पानीपत जिले में 3.5 लाख के करीब असंगठित मजदूर थे जिनमें से एक लाख के करीब पहले ही पलायन कर चुके हैं और बाकी के लोग वर्तमान में अपने पैतृक गांव लौटने के लिए सरकार से रोजाना अपील कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त बात करें कुछ ऐसे लोगों की जो लॉक डाउन के कारण अपना रोजगार खो जाने के चलते सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। ऐसे लोगो में 28 वर्षीय सुरिंदर कुमार का नाम शामिल है जो बीते कई महीनों से किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं और इस हालत में उनका काम कर पाना संभव नहीं है लेकिन उनके भाइयों की आय के चलते बीते कई महीनों से उनका इलाज संभव हो पा रहा था लेकिन लॉक डाउन के कारण उनके भाइयों का रोजगार पूरी तरह समाप्त हो चुका जिस कारण अब सुरिंदर बिना इलाज कराएं अपने परिवार के साथ 2 जून की रोटी का भी इंतजाम कर पाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।

सुरिंदर एवं उनका परिवार लॉक डाउन में प्रभावित हुआ इकलौता परिवार नहीं है। बहादुरगढ़ की एक फुटवियर फैक्ट्री में दिहाड़ी मज़दूरी करने वाली राधा और पानीपत की एक कपड़ा इकाई में कार्यरत राजेश 22 मार्च से जनता के कर्फ्यू के बाद बिना काम के है जो लॉक डाउन के दिनों में 2 जून की रोटी की जुगत कर पाने में भी सफल नहीं हो पा रहे हैं।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago