पूर्वांचल के नागरिकों के प्रमुख पर्व छठ पूजा इस बार कोरोना के कारण सावधानीपूर्वक मनाया जाएगा। छठ पूजा के लिए तीर्थनगरी के गंगा तटों पर तैयारी शुरू हो गई है। मगर, इस बार पूजा समितियों की ओर से कोई बड़े आयोजन नहीं कराए जा रहे हैं।
सरकार की ओर से इस बार छठ पूजा के कोई खास इंतज़ाम नजर नहीं आ रहे है। कोरोना ने इस बार सभी त्यौहार फीके कर दिए है। फिर जाहे वो किसी भी दर्म या जाती का त्यौहार हो। सभी त्योहारों पर मनो ग्रहण सा लग गया हो।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के नागरिक निवास करते हैं। यही वजह है कि दीपावली के छह दिन बाद आने वाले छठ पूजा को लेकर यहां व्यापक तैयारियां की जाती हैं।
इस पर्व का भी स्थानीय व्यापारियों को इंतजार रहता है क्योंकि दीपावली के बाद बाजार की रौनक छठ पर्व पर ही लौटती है। मगर, इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण छठ पूजा समितियों को बड़े आयोजन की अनुमति प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है। हालांकि पूर्वांचल वासियों ने अपने-अपने तरीके से गंगा घाटों पर छठ पूजा व व्रत पर होने वाली पूजा अर्चना के लिए तैयारी शुरू कर दी है। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर व्रतियों के लिए चबूतरे और चौकियां तैयार की गयी हैं।
सार्वजनिक छठ पूजा समिति के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने बताया कि सूर्य उपासना के पर्व का आगाज बुधवार को नहाय खाय की विधि के साथ शुरू होगा। गुरुवार को त्रिवेणी घाट पर ध्वज स्थापना, शाम को पंचमी पर (खरना), शुक्रवार को त्रिवेणी घाट पर छठ मैया और सूर्य की प्रतिमा को स्थापित करेंगे। सायंकाल डूबते सूर्य को अर्घ्य के साथ पर्व की शुरुआत और 21 नवंबर शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत का पारण होगा। उन्होंने बताया कि पर्व मनाने के दौरान स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पूर्णतय पालन किया जाएगा।
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