करोना संक्रमण के मामले पूरे प्रदेश में जिस तेज रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं उस गति ने सरकार की चिंता को भी बढ़ा दिया है। संक्रमण के बढ़ते खतरे को नियंत्रण में करने के लिए सरकार अपनी ओर से अनेकों प्रयास करने में जुटी है। वहीं दूसरी ओर बदलते मौसम से खांसी जुखाम और बुखार की परेशानी भी बढ़ती जा रही है।
करोना संक्रमितों को स्वजन से अलग करने के लिए बनाए गए डेडीकेटेड कोविड-19 केंद्रों में भी सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं कोविड-19 केंद्रों को सर्दी के मौसम के हिसाब से भी तैयार किया जाएगा ताकि मरीज जल्द से जल्द रिकवर कर सकें। गौरतलब है कि गर्मी के दिनों में करो ना मरीजों को डेडीकेटेड कोविड-19 केंद्रों में कपड़ों के अलावा कुछ ले जाने की आवश्यकता नहीं थी।
इतना ही नहीं भोजन सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं भी केंद्र की ओर से ही उपलब्ध कराई जाती थी। अब तापमान में गिरावट आने की वजह से केंद्रों में भर्ती होने वाले मरीजों को ठंड से बचाने के पुख्ता इंतजाम करना सरकार के लिए प्राथमिकता बन गई है। इसी जरूरत के मद्देनजर सभी तैयारियां शुरू कर दी गई है और मरीजों को अब अपने साथ कंबल या रजाई ले जाने की अनुमति दी गयी है।
केवल इतना ही नहीं संक्रमण के खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 में बेड की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें किस जिले में 18 कोविड-19 केंद्र हैं लेकिन इनमें से खेड़ीकला गांव, पाली और मोहना ही सुचारू रूप से काम कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रणदीप सिंह पूनिया का कहना है कि केंद्रों में करोना से बेहतर तरीके से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम और तैयारियां की जा रही है। अब ठंड के हिसाब से कोविड-19 केंद्रों को तैयार किया जाएगा।
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