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नगर निगम को कर्जे में ढकेल रही हैं निजी एजेंसी,सवा तीन वर्ष बाद भी अधूरा है संपत्ति कर

नगर निगम पहले से ही कर्जे की मार चल रहा है। ऊपर से निजी कंपनियों का क्र न चुकाना नगर निगम को और भी कर्जे में दाल रहा है। सवा तीन वर्ष पूर्व नगर निगम क्षेत्र में निजी एजेंसी की ओर से शुरू किया गया संपत्ति कर सर्वे अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। नगर निगम क्षेत्र में संपत्ति कर के दायरे में 2.62 लाख घर और अन्य संस्थान आते हैं।

नगर निगम को कर्जे में ढकेल रही हैं निजी एजेंसी,सवा तीन वर्ष बाद भी अधूरा है संपत्ति कर

पिछले कई वर्षों में 2.5 लाख से अधिक घर और वाणिज्यिक संस्थान बढ़ गए हैं। वाणिज्यिक संस्थान और औद्योगिक इकाइयां बढ़ने से निगम को हर वर्ष 200 करोड़ रुपये की आय का अनुमान हैं। नगर निगम का मौजूदा रिकार्ड देखें, तो इस समय संपत्ति कर से वर्ष भर में करीब 50 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हो रहा है। जब निजी एजेंसी का सर्वे पूरा हो जाएगा और संपत्ति कर के दायरे में और संपत्तियां आ जाएंगी, ताे निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

बता दें कि शहर में वर्ष 2007-08 में संपत्ति कर सर्वे किया गया था। इसके बाद से शहर में कई आवासीय काॅलोनियाें और औद्योगिक इकाइयों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निजी एजेंसी से संपत्ति कर सर्वे के लिए अनुबंध किया था। एजेंसी के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर सर्वे शुरू किया था, मगर अब तक सर्वे पूरा नहीं हो पाया है। शुरुआती दौर में कई जगह विरोध भी सामने आया था। निगम के पास अभी तक ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है, जिससे पता चल सके कि निगम क्षेत्र में वर्तमान में आवासीय, वाणिज्यिक तथा औद्योगिक कितनी संपत्ति है। सर्वे पूरा किए जाने के बाद ही सही तस्वीर सामने आएगी।

नियमयुक्त यश गर्ग का कहना है कि संपत्ति कर सर्वे का काम 90 फीसद से अधिक पूरा किया जा चुका है। हम प्रयास कर रहे हैं कि 31 दिसंबर तक सारा काम पूरा हो जाए। पूरे नगर निगम क्षेत्र का संपत्ति का डाटा आ जाएगा, तो हम संपत्ति कर लेना शुरू करेंगे। इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

बता दें कि पहले सरकार की ओर से 31 जुलाई तक ब्याज माफी योजना का लाभ लेने की छूट दी गई थी। बाद में इसे 31 दिसंबर तक कर दिया गया। इस योजना के तहत पिछले वर्षों की संपत्ति कर की बकाया राशि एक साथ जमा कराने पर ब्याज पर छूट है। ऐसे ही मौजूदा वर्ष का संपत्ति कर जमा कराने पर दस फीसद छूट का प्रावधान है। गुड टैक्स पेयर को दस फीसद अतिरिक्त छूट मिलती है। गुड टैक्स पेयर वे होते हैं, जो लोग पिछले तीन वर्षों से लगातार समय पर संपत्ति कर जमा कराते हैं। डा. यश गर्ग ने कहा कि बकायादारों को ब्याज माफी योजना का लाभ लेना चाहिए।

Avinash Kumar Singh

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