Categories: Uncategorized

इंसाफ के लिए क्या रख दी मांग, पराली और नशाखोरी की आड़ में सरकार ने किया बदनाम

जहां सिंधु बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब के सैकड़ों किसान एकत्रित होकर कृषि बिल अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन छेड़ चुके हैं। वहीं अब न्याय की गुहार लगाने के लिए किसानों द्वारा भारत बंद का ऐलान भी कर दिया गया है।

उधर, केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ पांच दौर की बात करने के बाद भी परिणाम ना के बराबर दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि सिंधु बॉर्डर पर किसानों का हौसला टस से मस होने को तैयार नहीं है।

इंसाफ के लिए क्या रख दी मांग, पराली और नशाखोरी की आड़ में सरकार ने किया बदनामइंसाफ के लिए क्या रख दी मांग, पराली और नशाखोरी की आड़ में सरकार ने किया बदनाम

लगातार किसानों के आंदोलन को 11 दिन बीतने को है और किसान केंद्र सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही है। वही किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार हमें न्याय देने की बजाय पराली और नशाखोरी की आड़ में बदनामी का दाग दे रही है।

किसानों का कहना है कि हम भी पराली की समस्या का हल चाहते हैं वह भी ठोस हल। उन्होंने कहा कि हमें तो केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिल रही है। वरना हम भी दिल खोल कर पाकिस्तान के साथ व्यापार करना चाहते हैं।

हरियाणा राज्य के अंतर्गत आने वाले सोनीपत जिले के किसान कपूर सिंह का कहना है कि वह लोग भी पराली जलाना नहीं जाते हैं, लेकिन सरकार है कि इस को खरीदने की कोई उचित व्यवस्था ही नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर हम पराली नहीं हटा पाएंगे तो अग्रिम फसल की बुआई कैसे कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इसके लिए ब्रिकी केंद्र खोलने चाहिए ताकि हम इसे बेच सकें।’

कैथल के भारतीय यूनियन किसान के जिला अध्यक्ष मंजीत भाई बताते हैं कि उन्हें भी पराली जलाना ना मंजूर है। इसका कारण यह है कि पराली जलाने से उनकी स्वयं की जमीन नष्ट होती हैं। उन्होंने कहा कि लगातार अक्टूबर से दिसंबर माह तक यही हाल बने रहते हैं। उन्होंने कहा कि इतना तो हम पराली भी नहीं जलाते हैं

जितना सरकार द्वारा उन्हें बदनामी दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि पराली का 80% तो चारे के रूप में इस्तेमाल कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हम तो पराली जलाने के बजाय इस को मुफ्त में सरकार को देना चाहते हैं, परंतु सरकार पराली लेने को तैयार तो हो।

वहीं पंजाब के किसान जसवीर सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार यह दोनों ही चाहे तो पंजाब में नशाखोरी केवल 10 दिनों के अंतराल में ही समाप्त हो सकते हैं लेकिन स्वयं सरकार ऐसा करना नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि आज किसान आंदोलन में सैकड़ों युवा शामिल है, लेकिन कोई नशा नहीं कर रहा है। सरकार यूं ही उन पर बदनामी का दाग लगाने को तत्पर है।

अन्य किसान नेताओं का कहना है कि सभी किसान भाइयों तक यह बात पहुंचा दी गई है कि उन्हें दिल्ली कूच करना है। उन्होंने कहा अब लड़ाई होगी तो आर या पार की होगी। उन्होंने कहा कि अब पीछे मुड़ने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।


उन्होंने कहा कि काॉंट्रैक्ट फ़ार्मिंग किसान को मंज़ूर नहीं है। हम डेडलाइन नहीं दे रहे हम सरकार को बता रहे हैं स्थिति ऐसे ही रही तो हर राज्य से और जत्थे दिल्ली लाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंसाफ की लड़ाई चाहे जितनी लंबी क्यों ना हो लड़ी जाएगी। लेकिन इंसाफ के अभाव में अब किसान वापस लौटने को तैयार नहीं है।

deepika gaur

Published by
deepika gaur

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 month ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 month ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 month ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 month ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 months ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 months ago