Categories: Crime

138 गायब हुए बच्चो का पुलिस ने लगाया पता ,अब भी गायब हैं इतने हज़ार

देश में सूचना क्रांति का विस्फोट है फिर भी देखिए कि देश में केवल दस वर्ष 1574 बच्चे गायब हो गए हैं. एक पल में संदेश,फोटो, वीडियो अपने मोबाइल फोन के जरिए दुनिया के इस कोने से उस कोने तक पहुंच पाने में सक्षम हो गए हैं, फिर भी देखिए कि इस वक्त देश से कुल एक लाख 1574 बच्चे मिसिंग हैं. इन बच्चों के बारे में कोई तंत्र सूचना दे पाने में अक्षम है. आखिर गायब होकर कहां गए बच्चे? ये कौन से बच्चे हैं और किन कारणों से गायब हो रहे हैं? इनको खोज पाने और परिवार तक पहुंचा पाने का कौन सा तंत्र देश में काम कर रहा है और यदि यह मजबूत है तो फिर इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का मिसिंग होना चिंता का विषय नहीं है?

138 गायब हुए बच्चो का पुलिस ने लगाया पता ,अब भी गायब हैं इतने हज़ार

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट में मिसिंग चिल्ड्रन के बारे में जो आंकड़े आते हैं उनमें सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाला तथ्य यह है दष साल में इस सेक्शन के तहत गायब होने वाले बच्चों की संख्या में 63407 बच्चे और जुड़ गए हैं. इससे पहले के सालों में देश में 48,162 बच्चे ऐसे थे जो मिसिंग होने के बाद नहीं मिल पाए थे. यह संख्या 1,11,569 तक जा पहुंची! यह बात चिंता में डाल देने वाली है कि एक साल के भीतर इतनी बड़ी संख्या में बच्चे गायब कैसे हो गए?

इन आंकड़ों का एक भयावह सच और है कि गायब होने वाले बच्चों की संख्या में लड़कियों की संख्या क्या—कितनी है? इससे समझा जा सकता है कि हमारे समाज में लड़कियों की क्या स्थिति है, वह कितनी सुरक्षित हैं और उनका कहां किन कामों में उपयोग हो रहा है? समझिए कि गायब होने वाले कुल बच्चों में 63 प्रतिशत हिस्सा लड़कियों का है. साल 2020 की स्थिति भी देखें तो गायब होने वाले 63,407 बच्चों में 41,067 लड़कियां थीं, यह कुल गायब होने वाले बच्चों का 65 प्रतिशत हैं. जाहिर है कि इसमें एक हिस्सा उस संयोजित षड्यंत्र का हिस्सा है जिसमें बच्चों की तस्करी करके उन्हें रेड लाइट एरिया से लेकर घरेलू काम और कारखानों में झोंक दिया जाता है. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के गायब हो जाने पर भी व्यवस्थाएं खोया—पाया पोर्टल और साल में एकाध प्रोजेक्ट ‘मुस्कान’ चलाकर अपने काम की इतिश्री कर लेती हैं.

क्या गरीबी है गायब होने की वजह?
बच्चों के गायब होने की आखिर क्या वजह है और यह सिलसिला रुक क्यों नहीं रहा है? यदि सूचना क्रांति के दौर में भी यह संख्या नहीं रुक रही है तो सोचा जा सकता है कि इसकी वजह लापरवाही है अथवा यह सोच समझकर किया गया एक काम है. जमीनी अनुभव यह बताते हैं कि सस्ता श्रम होने की वजह से बच्चों को काम में लगाया जाना हिंदुस्तान में कोई नया तरीका नहीं है. अनुभव यह भी बताते हैं कि जब कभी महानगरों की बड़ी कोठियों में इस संबंध में कार्रवाई हुई है तब एक ही मोहल्ले के बीसियों घरों में काम करने वाली लड़कियां पाई गई हैं जिन्हें दूरस्थ इलाकों से गरीबी में रह रहे समाज से तस्करी करके, या खरीदकर लाया गया है. इसमें लापरवाही होने का, जानकारी न होने का मामला अब सीमित संख्या में माना जाना चाहिए. तो फिर हमें डिजिटल होते भारत में इस मसले पर भी थोड़ा नए ढंग से विचार करना चाहिए और इसकी वास्तविक वजहों को खोजा जाना चाहिए. तकनीक केवल समाज को समृद्ध बनाने के लिए क्यों हो, क्या उसकी मदद से ऐसे सवालों को खोजने की दिशा में काम नहीं होना चाहिए, जिन्हें अब तक असाध्य माना जा रहा हो.

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

4 days ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

4 days ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 week ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

3 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago