सरकार के तानाशाही कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने भी छेड़े बगावत के सुर

कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा के झुठे प्रचार का जवाब देने के लिए किसान संगठन भी मैदान में उतर गए हैं। किसान संगठनों ने भाजपा के झुठे प्रचार के खिलाफ और कृषि कानूनों की सच्चाई बताने के लिए किसान नेताओं ने गांवों में सभाए करना शुरू कर दिया है। किसान संगठनों के नेताओं ने जवां, जाजरू, प्याला, दयालपुर, मच्छगर, बुखारपुर, चंदावली व दयालपुर आदि गांवों में किसानों की सभाएं आयोजित की है।

सरकार के तानाशाही कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने भी छेड़े बगावत के सुर

किसान नेताओं ने ग्रामीणों को आंदोलन में शहीद हुए किसानों को लेकर 20 दिसंबर को ओपन एयर थियेटर सेक्टर 12 में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया। इस अवसर पर कृषि कानूनों के किसानों व आम जनता पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों की जानकारी देने के लिए अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा प्रकाशित बुक लेट व हैंड बिल का विमोचन भी किया गया। इन सभाओं को किसानों के मिले भारी उत्साह से किसान संगठनों के नेताओं का हौसला बुलंद हैं।

इस जन जागरण अभियान में शामिल अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष नवल सिंह, किसान संधर्ष समिति नहर पार के संयोजक सतपाल नरवत व प्रकाश चन्द्र, एसकेएस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा,खंड प्रधान रमेश चन्द्र तेवतिया, भारतीय किसान यूनियन से बब्लू हुड्डा, मास्टर बीरेंद्र सिंह,नाहर सिंह धालीवाल ने देते हुए बताया कि कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए संसद में जबरन पारित किए गए तीन कृषि कानून व बिजली संशोधन बिल 2020 किसानों के लिए डेथ वारंट है। लेकिन सरकार के निर्देश पर भाजपा नेता अपने आकाओं के खुश करने के लिए काले कानूनों को किसानों के हित में बताने के बड़ी बेशर्मी से प्रचार में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को किसान व मजदूर समय आने पर माकूल जवाब देंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि किसान कड़कड़ाती जानलेवा ठंड में दिल्ली के बार्डरों पर 23 दिन से बैठे हैं। जिसके कारण तीन दर्जन से ज्यादा किसान शाहदत दे चुके हैं। लेकिन सत्ता के नशें में चूर मोदी सरकार तीनों काले कानूनों को रद्द करने को तैयार नहीं है। सरकार की हठधर्मिता से पता चलता है कि सरकार किसान की बजाय कारपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा किसान आंदोलन को खालिस्तानी, चीन, पाकिस्तान, अर्बन नक्सली,टूकड़े टूकड़े गैंग समर्थित आंदोलन बताने की घोर निन्दा की है।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और किसान व मजदूर एकता की मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन को लंबा करके पिटना चाहती है लेकिन सरकार को इसमें सफलता नही मिलेगी। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसान आंदोलन में फूट डालने की भी घोर निन्दा की। इस अभियान में धर्मपाल चहल, सूबेदार पतराम, बेनामी नंबरदार, धर्मबीर सिंह,किशन चहल व सहीराम रावत आदि शामिल थे।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

2 days ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago

काॅलोनियों के विकास की फाइल दबा कर बैठ गई भाजपा सरकार: NIT 86 कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा

रविवार को एनआईटी से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने जवाहर काॅलोनी डबुआ काॅलोनी मेन रोड…

2 months ago

चुनाव में वोट काटने वालों से रहें सावधान: नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा का गांव फतेपुर तगा पहुंचने…

2 months ago