सरकार और किसानों के बीच गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हुई पड़ी है। किसानों और सरकार के बीच चल रहे इस टकराव को आज लगभग एक महीना पूरा होने को है। फिर भी किसान अपनी मांग पर डटे हुए हैं और उनका आंदोलन और भी उग्र और प्रचंड होता जा रहा है। वहीं कुछ किसान आधुनिक सुविधाओं और कृषि के लिए लाभकारी सिद्ध होने वाले मंत्रों की सहायता से आत्मनिर्भर बनने के पथ पर अग्रसर है।
कृषि एवं कल्याण विभाग के तकनीकी अधिकारी से सेवानिवृत्त होकर डॉक्टर एसपी तोमर ने फरवरी 2016 में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया जिसमें किसानों को जैविक खेती का मंत्र सिखाया जाता है। 2016 में स्थापित हुई उनकी कंपनी अब जिले में बहुत अच्छी स्थिति में पहुंच गई है। अपनी कंपनी के माध्यम से उन्होंने करीब 200 किसानों को आत्मनिर्भर बना दिया है।
बता दें कि इन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के चिंता नहीं है और ना ही अपने उत्पादन को बेचने की। यह सभी किसान अपने जैविक उत्पाद गेहूं, बासमती चावल, शहद व सब्जियां आदि का भाव खुद ही तय करते हैं। इतना ही नहीं इनके उत्पाद मार्केट से ज्यादा भाव में ही बिकते हैं। डॉ. तोमर का कहना है कि हॉर्टिकल्चर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाने के बाद उन्होंने पहले चरण में करीब 100 एकड़ जमीन में जहर मुक्त खेती करना शुरू कर दिया।
साल बाद यह उत्पाद जैविक रूप से परिवर्तित हो गए। इस कामयाबी के बाद अब सैकड़ों एकड़ में जैविक खेती होती है और किसान निश्चिंत होकर अपनी फसल की बुआई और कटाई करते हैं। डॉक्टर तोमर का दावा है कि उनके द्वारा उगाई जा रही गेहूं में ग्लूटेन व फाइबर की मात्रा सामान्य गेहूं की फसल से ज्यादा है। ऐसे में जैविक खेती के मंत्र द्वारा उगाई गई फसल सामान्य फसल से गुणवत्ता में भी कई गुना बेहतर है।
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