अयोध्या विवाद के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा था- क्या भगवान राम का कोई वंशज अयोध्या या दुनिया में है? इस पर वकील ने कहा था- हमें जानकारी नहीं।
मगर जयपुर के राजपरिवार का कहना है कि हम भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज हैं। यह बात इतिहास के पन्नों में दर्ज है। और उनकी 310वीं पीढ़ी हैं।
उनके मुताबिक अगर सुप्रीम कोर्ट उनसे सबूत मांगता हैं तो वे कोर्ट को इसके दस्तावेज देने को तैयार हैं। बता दे, इसके लिए उन्होंने बाकयदा सबूत भी मीडिया के सामने पेश किया है।
पूर्व राजकुमारी दीयाकुमारी ने बताया कि जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह भगवान राम के बड़े बेटे कुश के 289वें वंशज थे।
राजकुमारी ने इस बात के प्रमाण भी पेश किए हैं। राजकुमारी दीयाकुमारी ने एक पत्रावली पेश की है जिसमें प्रभु राम के हर एक पूर्वज का नाम उल्लेखित है।
बता दें कि यह पूरा मामला उस वक़्त सामने आया जब 9 अगस्त को को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा था कि क्या भगवान राम का कोई वंशज अयोध्या या दुनिया में है और इस पर वकील ने इसकी जानकारी होने से इनकार कर दिया था।
लेकिन इसके कुछ ही देर बाद जयपुर के राजपरिवार की ओर से ट्वीट करके बताया गया की वे भगवान राम के बड़े बेटे कुश के वंशज हैं और इसी कारन उनके राजपरिवार का नाम भी कच्छवाहा कुशवाहा वंश रखा गया था।
वहीं इसके साथ ही एक वंशावली भी दिखाई है, जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज हैं।
इसी में 289वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा है। जयपुर का पूर्व राजघराना यह भी दावा कर रहा है की अयोध्या के जयसिंहपुरा और राम जन्म स्थान जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के ही अधीन थे।
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