26 गांवों को नगर निगम में समाहित करने के लिए पहले ही लोगों ने काफी पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया था। गांववालों का मानना है कि नगर निगम गांव का सुधार नहीं बल्कि उनको नरक से भी बदतर बना देगा। इतना ही नहीं गांववालों का यहां तक मानना है कि खुद की स्थिति सुधार पाने में फेल हुआ नगर निगम गांवों में किसी प्रकार का कोई सुधार कार्य कर ही नहीं सकता।
अभी 26 गांवों का मुद्दा थमा नहीं और अब नगर निगम 31 गांवों को नगर निगम में अब 31 गांवों को शामिल किया जाएगा। साथ ही इसका स्थाई प्रारूप भी तैयार किया जाएगा। नगर निगम में कौन-कौन से गांव शामिल किए जाएंगे इसे लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, मंडल आयुक्त संजय जून, नगर निगम आयुक्त डॉ यश गर्ग, उपायुक्त यशपाल यादव के बीच बुधवार को संजय जून के निवास पर चर्चा हो चुकी है।
बता दें कि पहले दिन 26 गांवों को नगर निगम में शामिल करने की योजना तैयार की गई थी। उन गांवों के सरपंच और ग्रामीणों ने इस बात का पुरजोर विरोध किया था। जिसके बाद इन गांवों की सूची से कुछ गांवों को हटा दिया गया था। जिन गांवों को सूची से बाहर किया गया है उनमें ज्यादातर खंड बल्लभगढ़ पृथला विधानसभा क्षेत्र के बताए गए हैं।
हाल ही में बनाई गई नई सूची में फरीदाबाद और तिगांव खंड के गानों को शामिल किया गया है। बता दें कि यह गांव ज्यादातर तिगांव विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। इस बार सरकार किसी प्रकार की कोई लापरवाही बरतना नहीं चाहती इसीलिए नगर निगम में 31 गांवों को शामिल किए जाने के कारण जिला परिषद और पंचायत समितियों का पुनर्गठन भी किया जाएगा।
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