स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की स्मार्टनेस में आएगी कमी, आखिर क्यों कर रही है सरकार बजट में कटौती ?

फरीदाबाद शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम द्वारा अनेकों वादे किए गए हैं जिसके तहत पर्यावरण सुरक्षा और स्वच्छता समेत अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने का वादा किया गया था। फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पहले चरण में शहर के 1267 एकड़ एरिया को चिन्हित किया गया है। जिसमें बड़खल विधानसभा क्षेत्र, फरीदाबाद और तिगांव विधानसभा के इलाके शामिल है।

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की स्मार्टनेस में आएगी कमी, आखिर क्यों कर रही है सरकार बजट में कटौती ?स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की स्मार्टनेस में आएगी कमी, आखिर क्यों कर रही है सरकार बजट में कटौती ?

बताया जा रहा है कि इतने एरिया की जमीन में गांव, स्लम, सेक्टर, रेलवे स्टेशन, इंडस्ट्रियल सेक्टर आदि भी शामिल किए गए हैं। दरअसल फरीदाबाद शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जिस नीति और बजट को लेकर काम चल रहा था अब उसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से बदलाव के आदेश आए हैं। बताया जा रहा है कि विकास कार्यों का बजट कम करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड को आदेश दिए गए हैं इन आदेशों के परिणाम साफ है।

बजट कम होने के कारण प्रदेश की स्मार्टनेस में भी कमी आएगी, इस बात को नकारा नहीं जा सकता। बजट कम होने से कई प्रोजेक्ट साधारण ही रह जाएंगे यह बात भी अटल सत्य है। फिलहाल फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की टीम ने 9 विकास कार्यों के बजट में ₹20 करोड़ की कटौती की है। बता दें कि इन आदेशों में हॉर्टिकल्चर व ग्रीनर पर तो पैसा कम किया ही गया है। साथ ही रोड और स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज को लेकर भी बजट में काफी कटौती की गई है।

फरीदाबाद शहर को टेक्नोलॉजी के रूप में स्मार्ट करने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी सुधार कार्य तय किए गए थे जिन्हें अब बजट की आपूर्ति के कारण साधारण तरीके से ही पूरा किया जाएगा। स्मार्ट सिटी में इस वक्त पढ़कर झील सैक्टर-21d, 21b फतेहपुर, चंदीला, संत नगर, सेक्टर 19 फरीदाबाद रेलवे स्टेशन, सेक्टर 20, सेक्टर 20a, वज्रोली गांव को स्मार्ट करने का काम बड़े स्तर पर चल रहा है।

बड़खल झील का सौंदर्य करण का कार्य भी रफ्तार पकड़ रहा है। बता दें कि इस वक्त शहर के अंदर 300 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्य चल रहे हैं। करोड़ों के बजट कार्य चलने के कारण सरकार को बजट बैलेंसिंग करने की जरूरत आन पड़ी है जिसके चलते हॉर्टिकल्चर, लैंडस्कैपिंग, स्टॉर्म वॉटर, इलेक्ट्रिकल वर्क और ग्रीनरी पर बचत की तलवार लटकी हुई है। प्रदेश को हरा-भरा करने के लिए नए पेड़ लगाने के लिए विचार चल रहा था जिसे अभी कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है। शायद यही कारण है कि प्रदेश में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।

Avinash Kumar Singh

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