Categories: Public Issue

भू अधिग्रहण में भूस्वामी किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा ना मिलने के आरोप पर जारी हुआ नोटिस

फरीदाबाद : हरियाणा राज्य के अंतर्गत आने वाले फरीदाबाद जिले में जहां सेक्टर 20a सेक्टर 20 बी के रियायशी और व्यावसायिक विकास के लिए आदेश के मुताबिक बढ़ा हुआ मुआवजा न मिलने की अवमानना याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फिलहाल फरीदाबाद के भू-अधिग्रहण कलेक्टर बस्ती राम और हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथारिटी के प्रशासक प्रदीप दहिया को नोटिस जारी कर दिया है। वही ऐसी द्वारा अभी दोनों ही अधिकारियों को कोर्ट में निजी पेशी से छूट भी दे दी गई है।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, हेमंत गुप्ता और अजय रस्तोगी की पीठ ने भू स्वामी किसानों की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं पर वकील सोमवीर सिंह देशवाल की बहस सुनने के पश्चात ही जारी किए थे। यह पूरा मामला हरियाणा के फरीदाबाद में 1986, 1992 और 1995 के भू-अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है।

भू अधिग्रहण में भूस्वामी किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा ना मिलने के आरोप पर जारी हुआ नोटिस

हालांकि जिन भू स्वामी किसानों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करवाई गई थी है, उनकी जमीन का अधिग्रहण 1995 में फरीदाबाद के सेक्टर 20ए और 20बी में रिहायशी और व्यवसायिक परियोजनाओं के लिए किया गया था।

याचिका के मुताबिक भू-अधिग्रहण अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च 2019 के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था। अवमानना याचिका पर चर्चा करते हुए वकील सोमवीर देशवाल ने कहा कि उक्त जमीन अधिग्रहण को 25 साल हो गए हैं

और अभी तक उनके मुवक्किलों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक बढ़ा मुआवजा नहीं मिला है। सरकार ने कुछ लोगों को बढ़ा मुआवजा दिया है लेकिन उनके मुवक्किलों को अभी भी मुआवजा नहीं मिल सका है।

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने कई बार विभाग जाकर बढ़ा मुआवजा दिए जाने की मांग भी रखी थी, लेकिन बदले मे हर बार उन्हें आश्वासन तो मिला लेकिन मुआवजा आज तक नहीं मिला। वहीं वकील ने कहा कि इन भू-स्वामियों के पास आय का कोई दूसरा जरिया नहीं है।

कुछ के बच्चे स्कूल कालेज में पढ़ते हैं जिनकी फीस आदि का खर्चा है और कुछ के बच्चे बड़े हो गए हैं और उनकी शादी आदि करनी है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद अवमानना याचिकाओं में प्रतिपक्षी बनाए गए दोनों अधिकारियों को गत सप्ताह नोटिस जारी किया।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक दो दौर की मुकदमेबाजी के बाद 11 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सी याचिकाओं पर एक साथ फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन करते हुए सात अप्रैल 1986 में हुए अधिग्रहण का 435 रुपये वर्ग गज, 5 जून 1992 में हुए अधिग्रहण का 860 रुपये वर्ग गज और 3 जुलाई 1995 में हुए अधिग्रहण का 1210 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा देने का आदेश दिया था।

deepika gaur

Recent Posts

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 days ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

1 month ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago

काॅलोनियों के विकास की फाइल दबा कर बैठ गई भाजपा सरकार: NIT 86 कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा

रविवार को एनआईटी से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने जवाहर काॅलोनी डबुआ काॅलोनी मेन रोड…

2 months ago

चुनाव में वोट काटने वालों से रहें सावधान: नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा का गांव फतेपुर तगा पहुंचने…

2 months ago

अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 78 वा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की 78 वीं वर्षगांठ पर "अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी" द्वारा आजादी के गर्व का…

3 months ago